आयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दौरान कई जगहों में चरमपंथी हिंदुओं ने काटा बवाल, नए भविष्य की डरावनी आहट
भारत में 22 मार्च को बाबरी मस्जिद को गिराकर उसकी जगह बनाए गए राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम बड़े धूम से मनाया गया जिसमें धार्मिक स्नेह से ज़्यादा हिंदुत्व के उन्माद की झलक भारत के कई हिस्सों में देखी गई।
मुंबई के मीरा रोड में एक दिन बाद चरमपंथी हिंदु युवाओं ने आवेश में आकर दुकानों पर हमले कर दिए। इन चरमपंथियों की संख्या 300 के आस पास बताई जाती है। यह लोग मुसलमानों की दुकानों पर चुन चुन कर हमले कर रहे थे और तोड़फोड़ मचा रहे थे।
जिस प्रतिष्ठान के सामने भगवा झंडा नहीं लगाया गया था उस पर भी हमले किए गए। मंगलवार को मीरा रोड के शांति नगर में दंगाइयों ने जम कर बवाल काटा और जय श्रीराम के नारे लगाते रहे।
द वायर की रिपोर्ट के अनुसार हमले का निशाना बनने वाली दुकान सबा बूतीक के मालिक शमशेर आलम कहते हैं बीस साल के आस पास की उम्र के लड़के दंगाइयों की तरह बूतीक पर टूट पड़े। सब ने पीठ पर बैग में पत्थर भर रखे थे और दुकानों पर पथराव कर रहे थे।
दंगाइयों ने केवल मुसलमानों की दुकानों को निशाना बनाया। स्थानीय लोगों का कहना है कि सबसे बड़े दुख की बात यह थी कि पुलिस यह सारा तमाशा देख रही थी और उसने दंगाइयों की भीड़ को रोकने की कोई कोशिश नहीं की।
शमशेर आलम का कहना था कि जब उन्होंने पुलिस में एफ़आईआर लिखाने की कोशिश की तो पुलिस ने इंकार कर दिया।
द वायर के पत्रकार ने दूसरी दुकानों का भी दौरा किया और उनके मालिकों से बात की तो सबकी लगभग एक जैसी विपदा थी।
एडवोकेट सचिन सालवी का कहना है कि उन्होंने बड़ी मेहनत की तब जाकर कहीं चार एफ़आई आर दर्ज हो पायी है।
अगरा की एक मस्जिद में चरमपंथी हिंदुओं ने भगवा झंडे लहराए और धार्मिक उन्माद भड़काने वाले नारे लगाए। मोदी के आयोध्या कार्यक्रम के दिन दंगाइयों ने आगरा में शोभा यात्रा निकाली और मुग़ल शासन दौर की एक मस्जिद के भीतर भगवा झंडे लगा दिए।
पुलिस ने इस मामले में 11 गिरफ़तारियां की हैं।
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