दिल्ली पुलिस ने जान बूझ कर मुसलमानों को निशाना बनाया, चरमपंथी हिंदुओं का मानना है कि मुसलमानों को हमेशा डराकर रखा जाए!
(last modified Thu, 12 Mar 2020 14:19:53 GMT )
Mar १२, २०२० १९:४९ Asia/Kolkata
  • दिल्ली पुलिस ने जान बूझ कर मुसलमानों को निशाना बनाया, चरमपंथी हिंदुओं का मानना है कि मुसलमानों को हमेशा डराकर रखा जाए!

भारत की राजधानी नई दिल्ली में होने वाले हालिया दंगों के बारे में एक रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने जान बूझ कर मुसलमानों को निशाना बनाया।

अमरीकी अख़बार न्यूयार्क टाइम्ज़ ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें दिल्ली में हुए मुसलमानों के क़त्लेआम का उल्लेख किया गया है। अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि हालिया सुबूत से यह मालूम होता है कि मुसलमानों के क़त्लेआम के दौरान उनकी हत्या करने और उनके घरों को निशाना बनाने में दिल्ली पुलिस ने सामूहिक रूप से मुसलमानो के ख़िलाफ़ काम किया और सक्रिय रूप से हिंदू भीड़ की मदद की।

ज्ञात रहे कि दिल्ली में चरमपंथी हिंदुओं के हाथों हुए मुसलमानों के क़त्लेआम में 50 से अधिक लोगों की जानें  चली गईं।

इस क़त्लेआम के दौरान मस्जिदों में तोड़फोड़ की गई और उन्हें आग लगाई गई जबकि कुछ स्थानों पर हिंदुओं की दुकानें भी जलाई गईं। दंगे में 15 हिंदू भी मारे गए थे।

रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली पुलिस की कई वीडियोज़ सामने आ चुकी हैं जिनमें मुसलमान प्रदर्शनकारियों पर हमला करते हुए और हिंदू भीड़ को हमले के लिए प्रोत्साहित करते हुए पुलिस को देखा जा सकता हैं। इस रिपोर्ट में पुलिस अफ़सर का हवाला देते हुए कहा गया है कि जैसे ही चरमपंथी हिंदुओं ने हमला शुरू किया हमें अधिकारियों की ओर से आदेश मिला की हम अपनी बंदूक़ें थाने में रख दें।

रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया है कि नरेन्द्र मोदी की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने भारतीय पुलिस को राजनीति से दूषित कर दिया है और इस आरोप के लिए भारत के एक स्कूल प्रिंसिपल का हवाला दिया गया है जिन्हें देश के नए विवादित नागरिक संशोधन क़ानून के बारे में स्टेज प्ले करने पर राजद्रोह के आरोप में जेल भेज दिया गया।

इस रिपोर्ट में बताया गया कि मुस्लिम एक्टिविस्ट उमर ख़ालिद के अनुसार यह इस जुनून का एक तरीक़ा है, सरकार पूरी मुसलिम आबादी को घुटने टेक देने पर मजबूर करना चाहती है ताकि वह अपनी ज़िंदगी और ज़िंदगी की ज़रूरतों की भीख मांगें। उन्होंने कहा कि हम उनकी किताबों में पढ़ सकते हैं, उनका मानना है कि भारत के मुसलमानों को हमेशा डराकर रखना ज़रूरी है।

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