भारत का अमरीकी कमीशन को वीज़ा देने से किया इंकार, अल्पसंख्यकों की हालत का लेना चाहता था जायज़ा
भारत ने यूएस कमीशन फ़ार इंटरनैशनल रिलीजन फ़्रीडम यूएससीआईआरएफ़ को देश में अल्पसंख्यकों की हालत का जायज़ा लेने के लिए दिए गए वीज़ा आवेदन को रद्द कर दिया है और कहा है कि विदेशी पैनल को भारतीय नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का जायज़ा लेने का कोई अधिकार नहीं है।
भारत में भाजपा को 2014 में सत्ता मिलने के बाद से मुसलमानों पर भीषण और चौतरफ़ हमलों के कारण विश्व स्तर पर आलोचनाएं हो रही हैं। अमरीकी पैनल ने भारत को गंभीर चिंता वाला देश घोषित किए जाने की मांग की है।
एएफ़पी के अनुसार अमरीकी कमीशन ने अप्रैल में वीज़ा के लिए आवेदन दिया था।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सरकार ने अमरीकी कमीशन पैनल को धार्मिक आज़ादी से संबंधित सर्वे की अनुमति देने का कड़ाई से इंकार किया है। इस पैनल को भारतीय नागरिकों के अधिकारों के बारे में बहुत सीमित मालूमात है।
जयशंकर ने कहा कि भारत अपनी स्वाधीनता से संबंधित मामलो में किसी भी प्रकार का विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करता।
कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि धार्मिक अल्पसंख्यकों पर बढ़ते हमलों के साथ वर्ष 2019 में भारत की साख बहुत तेज़ी से गिरी है। रिपोर्ट में विवादित नागरिकता संशोधन क़ानून सीएए, गाय के चलते लोगों की हत्या, धर्म परिवर्तन रोकने वाले क़ानून, सुप्रीम कोर्ट के बाबरी मस्जिद फ़ैसले और कश्मीर का स्टेटस समाप्त किए जाने जैसे भारत सरकार के क़दमों की निंदा की गई है।