क्या चीन के सामने मोदी ने हथियार डाल दिए? सीमा पर झड़पों को ज़्यादा अहमियत नहीं देना चाहते भारतीय प्रधानमंत्री मगर चीन का भारत पर तनाव बढ़ाने का आरोप
भारत और चीन ने एक दूसरे पर आरोप लगाए हैं कि वह बीते दिनों सीमा पर तनाव बढ़ाने वाली गतिविधियां कर रहे हैं।
भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सीमा पर 20 सैनिकों की मौत और 70 के घायल हो जाने की घटना के बाद सर्वदलीय बैठक में जो रुख़ अपनाया उससे लगा कि वह इस घटना को बहुत तूल नहीं देना चाह रहे हैं, इसके एक दिन बाद नई दिल्ली ने बीजिंग पर आरोप लगाया कि वह विवादित इलाक़े में आपत्तिजनक निर्माण कर रहा है।
भारत सरकार ने एक बयान में कहा कि सीमा पर एकपक्षीय रूप से किए जा रहे किसी भी बदलाव को भारत सरकार स्वीकार नहीं करेगा। दूसरी ओर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ ली जियान ने आरोप लगाया कि भारतीय सेनाएं सीमावर्ती इलाक़ों में उत्तेजक कार्यवाहियां कर रही हैं।
चाओ ने लगातार कई ट्वीट करके कहा कि गलवान घाटी चीन के इलाक़े में पड़ती है मगर भारत ने अप्रैल महीने से इस इलाक़े में एक पक्षीय रूप से सड़क, पुल और रास्ते बनाना शुरू कर दिया।
प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पार की और चीनी सैनिकों पर हमला कर दिया जो वहां वार्ता के लिए गए थे इसके नतीजे में झड़पें हुईं।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि भारत की ओर से एलएसी का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है उन्होंने कहा कि चीन के दावे अस्वीकार्य हैं।
उधर अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो भी इस मामले में कूद पड़े हैं और उन्होंने चीन पर आरोप लगाया कि वह सीमा पर तनाव बढ़ा रहा है। पोम्पेयो ने कहा कि चीनी सेना ने सीमा पर तनाव पैदा किया है।
इन हालात में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया कि किसी ने हमारी सीमा का उल्लंघन नहीं किया है और हमारी सीमा के भीतर कोई मौजूद नहीं है और हमारी किसी भी पोस्ट पर किसी का क़ब्ज़ा नहीं है।
मगर मोदी यह बयान देकर बुरी तरह फंस गए हैं। ट्वीटर पर यह चर्चा गर्मा गई कि मोदी ने हथियार डाल दिए।
इस बयान के बाद यह बहस शुरू हो गई कि जिस जगह झड़पें हुईं और भारतीय सैनिक मारे गए वह भारतीय सीमा में है कि चीन की सीमा में?
मोदी के इस बयान से भारतीय विदेश मंत्रालय का वह आरोप हवा में उड़ जाता है जिसमें उसने कहा था कि चीन ज़मीन पर तथ्यों को बदलने की कोशिश कर रहा है और इस बारे में मौजूद समझौतों का उल्लंघन कर रहा है।
मोदी के बयान से चीन के दावों को एक प्रकार की मान्यता मिल रही है जिसकी वजह से भारत में पुराने सैनिकों और टीकाकारों की ओर से मोदी सरकार की आलोचना की जा रही है।
जब चीन ने कहा है कि भारतीय सैनिकों ने सीमा का उल्लंघन किया है तो हो सकता है कि मोदी पर अब दबाव बढ़े कि वह इस पूरे मामले में और भी साफ़ शब्दों में अपना रुख़ बयान करें।
स्रोतः अलजज़ीरा
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