चीन की भारत को ऊंच नीच समझाने की कोशिशः पोम्पेयो के खोखले बयान से जाग जाए नई दिल्ली सरकार!
चीन का सरकारी मीडिया भारत को लगातार समझाने की कोशिश कर रहा है कि वह अमरीका के बहकावे में न आए बल्कि अपनी आंख खोले। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े अख़बार ग्लोबल टाइम्ज़ ने एक लेख प्रकाशित किया है जिसमें अमरीका के विदेश मंत्री माइक पोम्पेयो के उस बयान का हवाला दिया गया है जिसमें पोम्पेयो ने भारत में 59 चीनी एप्लीकेशनों पर लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन किया है।
पोम्पयो ने कहा कि भारत ने यह क़दम उठाकर अपनी सुरक्षा, अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की है।
पोम्पेयो के इस बयान को देखकर कोई भी व्यक्ति आंख बंद करके यह समझ सकता है कि वह केवल आग लगाने का काम कर रहे थे। इस समय पोम्पेयो को बड़ा अच्छा मौक़ा नज़र आ रहा है कि भारत को चीन की दुशमनी पर उकसाएं और उसे अमरीका के चीन विरोधी अभियान में शामिल कर लें।
बात यह है कि पोम्पेयो भारत में जुनून का रूप ले चुके राष्ट्रवाद का फ़ायदा उठाने की कोशिश में थे और ज़ाहिर यह कर रहे थे कि उन्हें भारत के हितों की बड़ी चिंता है।
वैसे पोम्पेयो कभी सीआईए के चीफ़ रह चुके हैं तो उन्हें इस तरह के खेल ख़ूब आते हैं मगर यह बात भी सामने है कि पोम्पेयो तो अपने आनंद का बंदोबस्त कर रहे हैं जबकि भारतीय आम नागरिकों को गंभीर समस्या में ढकेल रहे हैं। हमें उम्मीद है कि भारत शांत हो जाएगा और सही रास्ते पर चलेगा। अमरीका इस समय भारत की कोई मदद करने के बजाए केवल ज़बान हिला रहा है और भारत को यह समझ होनी चाहिए कि इस तरह उसके हितों की रक्षा नहीं हो सकती।