दिल्ली के दंगों में मुसमलानों को निशाना बनाने में पुलिस भी शामिल रहीः रिपोर्ट
(last modified Sat, 18 Jul 2020 02:53:31 GMT )
Jul १८, २०२० ०८:२३ Asia/Kolkata
  • दिल्ली के दंगों में मुसमलानों को निशाना बनाने में पुलिस भी शामिल रहीः रिपोर्ट

भारत के अल्पसंख्यक आयोग ने कहा है कि राजधानी नई दिल्ली में जारी वर्ष के शुरु में सीएए के ख़िलाफ़ होने वाले प्रदर्शनों के दौरान मुसलमानों के क़त्ले आम और उनकी संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने में पुलिस भी शामिल रही।

रोयटर्ज़ के हवाले से डान ने ख़बर दी है कि अल्पसंख्यक आयोग डीएमसी ने ओपन रिपोर्ट जारी की है जिसमें मुसलमानों के ख़िलाफ़ होने वाली योजनाबद्ध हिंसा को बयान किया गया है।

डीएमसी ने कहा है कि जारी वर्ष फ़रवरी में विवादित क़ानून के ख़िलाफ देश भर में होने वाले प्रदर्शनों के अवसर पर पूर्वोत्तरी दिल्ली में दंगों के दौरान मुसलमानों के घर, दुकानें और गाड़ियां निशाना बनाई गईं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 11 मस्जिदों, 5 मदरसों, मुसलमानों की एक दरगाह और क़बरिस्तान पर हमला किया गया और उन्हें नुक़सान पहुंचाया गया।

मुस्लिम विरोधी हिंसा के दौरान किए गए अत्याचार के बारे में रिपोर्ट में बताया गया है कि बज़ाहिर प्रदर्शन को समाप्त करने के लिए पुलिस की मदद से सीएए के समर्थक तत्वों ने बड़े पैमाने पर हिंसा फैला दी। आयोग ने कहा कि पुलिस ने मुसलमानों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगा दिया जबकि वह ख़ुद हिंसा का शिकार हुए थे।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता ने रिपोर्ट को ख़ारिज करते हुए कहा कि पुलिस की कार्यवाही पारदर्शी और शानदार रही।

रिपोर्ट में भाजपा के कई नेताओं को भी दोषी ठहराया गया है।  भाजपा के पूर्व विधायक कपिल शर्मा के बारे में कहा गया है कि उन्होंने 23 फ़रवरी की घटनाओं में जलती पर तेल का काम किया लेकिन भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद हैं।

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