मस्जिद के पास लहराया भगवा झंडा, कवर करने गए पत्रकारों की कर दी पिटाई किया यौन उत्पीड़न, एफ़आईआर लिखने से पुलिस का इंकार,
(last modified Thu, 13 Aug 2020 02:20:06 GMT )
Aug १३, २०२० ०७:५० Asia/Kolkata
  • मस्जिद के पास लहराया भगवा झंडा, कवर करने गए पत्रकारों की कर दी पिटाई किया यौन उत्पीड़न, एफ़आईआर लिखने से पुलिस का इंकार,

भारतीय मीडिया मे एक ख़बर आई रही है कि बीते 11 अगस्त की शाम में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सुभाष मोहल्ला में कारवां पत्रिका के तीन पत्रकारों पर भीड़ द्वारा हमला और टीम के साथ गईं एक महिला पत्रकार का यौन उत्पीड़न करने का मामला सामना आया है।

दी वायर की रिपोर्ट के अनुसार तीनों पत्रकार हाल ही में प्रभजोत सिंह और शाहित तांत्रे द्वारा की गई एक रिपोर्ट का फॉलो-अप कर रहे थे, जहां दिल्ली दंगे की एक महिला शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि बीती आठ अगस्त की रात को भजनपुरा पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों ने उन्हें और उनकी 17 साल की बेटी को पीटा और यौन उत्पीड़न किया।

महिला ने दो दिन पहले दर्ज की गई शिकायत को लेकर एफआईआर दर्ज करने की मांग करने के लिए उस रात पुलिस स्टेशन का दौरा किया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, बीते पांच और छह अगस्त के बीच की रात में कुछ लोगों ने सांप्रदायिक नारे लगाए और अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन समारोह के उत्सव के रूप में पड़ोस के मुस्लिम इलाके में मस्जिद के पास भगवा झंडा लगा दिया था।

पुलिस ने महिलाओं को शिकायत की एक हस्ताक्षरित प्रति दे दी थी, लेकिन जब महिलाओं ने एफआईआर की कॉपी मांगी तो आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने शिकायतकर्ता, उनकी बेटी और एक अन्य महिला की पिटाई की और यौन उत्पीड़न किया।

कारवां के असिस्टेंट फोटो एडिटर शाहिद तांत्रे, कॉन्ट्रीब्यूटर प्रभजीत सिंह और एक महिला पत्रकार करीब डेढ़ घंटे तक भीड़ से घिरे रहे। आरोप है कि उन पर सांप्रदायिक टिप्पणी की गई, हत्या करने की धमकी दी गई और यौन उत्पीड़न किया गया।

पुलिस ने पत्रकारों की शिकायत पर भी एफ़आईआर नहीं लिखी है। एफ़आईर न लिखने की एक वजह भी है। भाजपा के नेताओं ने पुलिस पर इतनी दहशत बिठा दी है कि अगर कहीं किसी मामले का लिंक भगवाधारी संगठनों से है तो पुलिस उनके ख़िलाफ़ कोई भी एफ़आईआर लिखने से घबराती है।

एफ़आईआर लिखने के मामले में उत्तर प्रदेश  के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने थानाध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही एएसपी (ग्रामीण) का तबादला किया जा रहा है।

पूरा मामला यह था कि विहिप कार्यकर्ता रोहित वार्ष्णेय व उनके भाई ने अपने चिरपरिचित अंदाज़  में कुछ मुस्लिम युवकों से मारपीट की और उनके ख़िलाफ़ मुक़द्दमा दर्ज करा दिया इसके बाद पुलिस ने सलीम पक्ष की तरफ से भी तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

इस मामले में भाजपा के एक सांसद और कई विधायकों ने थाने में जाकर ज़ोरदार हंगामा किया और पुलिस अधिकारियों से मारपीट और गालम गलौच की।

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