चीन के साथ सीमा विवाद में आख़िर क्या छिपा रही है मोदी सरकार? जनता करे बहिष्कार सरकार करे कारोबार!
(last modified Thu, 17 Sep 2020 06:43:56 GMT )
Sep १७, २०२० १२:१३ Asia/Kolkata
  • चीन के साथ सीमा विवाद में आख़िर क्या छिपा रही है मोदी सरकार? जनता करे बहिष्कार सरकार करे कारोबार!

भारत की मोदी सरकार ने बुधवार को इस देश के उच्च सदन (राज्यसभा) में कहा है कि पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है। मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि यह गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत का अपमान है। चीन से लगी सीमा पर गतिरोध को लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, राज्यसभा में बुधवार को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में भारत के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, ‘पिछले छह महीने में भारत-चीन सीमा पर घुसपैठ का कोई मामला सामने नहीं आया है।’ हालांकि मंगलवार को भारतीय संसद के निचले सदन (लोकसभा) में चीन के साथ सीमा पर तनाव को लेकर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था, ‘अभी की स्थिति के अनुसार, चीनी पक्ष ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और अंदरूनी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिक टुकड़ियों और गोला-बारूद जमा किया हुआ है।’ उन्होंने यह भी कहा था कि मैं इस सदन के साथ यह साझा करने में संकोच नहीं करूंगा कि हम लद्दाख में चुनौती का सामना कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने यह साफ़ नहीं किया था कि अंदरूनी क्षेत्रों का मतलब एलएसी का भारतीय पक्ष है या नहीं। इस बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने इस संबंध में कोई सवाल पूछने की इजाज़त नहीं दी, जिसके विरोध में कांग्रेस ने सदन का बहिष्कार कर दिया था।

बता दें कि भारतीय सैनिकों द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सामान्य गश्त के बिंदु से परे चीनी घुसपैठ का पता लगाए जाने के बाद पूर्वी लद्दाख में मई की शुरुआत से ही भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच कई झड़पें हो चुकी हैं। हाल में चल रही तनातनी के दौरान पहला संघर्ष गलवान घाटी में 5-6 मई की रात हुआ था। इसके बाद ‘फिंगर्स 4’ के पास 10-11 मई को पैंगोंगे त्सो झील के उत्तरी किनारे पर संघर्ष हुआ था। चीन ने ‘फिंगर 4 तक एक पक्की सड़क और रक्षात्मक पोस्टों का निर्माण किया था। भारतीय सैनिक पहले नियमित तौर पर ‘फिंगर 8’ तक गश्त करते थे, लेकिन अब इलाक़े चीन द्वारा किए गए ताज़ा अतिक्रमण के बाद भारतीय सैनिकों की गश्ती ‘फिंगर 4’ तक सीमित हो गई है। भारत दावा करता है कि वास्तविक नियंत्रण रेखा ‘फिंगर 8’ से होकर गुज़रती है, जबकि चीन का दावा है कि यह ‘फिंगर 2’ पर स्थित है। सबसे गंभीर झड़प 15 जून को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हुई थी, जब एक हिंसक लड़ाई में 20 भारतीय सैनिकों की मौत हो गई थी। चीन ने अपनी तरफ़ भी हताहतों की संख्या को स्वीकार किया है, लेकिन किसी भी संख्या का ख़ुलासा नहीं किया था।

इस बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प के ढाई महीने बाद बीते 29 अगस्त की रात पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे पर स्थित ठाकुंग में एक बार फिर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच गतिरोध देखने को मिला था। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 29-30 अगस्त की रात को यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाने वाली सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। बहरहाल, कांग्रेस ने पिछले छह महीनों में चीनी घुसपैठ नहीं होने से जुड़े भारतीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बयान को लेकर सरकार की आलोचना करते हुए बुधवार को कहा कि यह गलवान घाटी में शहीद हुए भारतीय जवानों की शहादत का अपमान है और चीन से लगी सीमा पर गतिरोध को लेकर सरकार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। कांग्रेस पार्टी ने यह दावा भी किया कि चीन के आक्रामक व्यवहार के बावजूद मोदी सरकार उसके साथ कारोबारी रिश्ते बनाए हुए और भारी-भरकम कर्ज़ लिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘आप क्रोनोलॉजी समझिए। प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) बोले कि कोई सीमा में नहीं घुसा, फिर चीन-स्थित बैंक से भारी कर्ज़ लिया, फिर रक्षामंत्री (राजनाथ सिंह) ने कहा चीन ने देश में अतिक्रमण किया, अब गृह राज्य मंत्री ने कहा अतिक्रमण नहीं हुआ।’  राहुल गांधी ने सवाल किया, ‘मोदी सरकार भारतीय सेना के साथ है या चीन के साथ? इतना डर किस बात का?

कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘मोदी सरकार ने मंगलवार को संसद में स्वीकार किया कि बीजिंग में मौजूद एशियन इंफ्रास्टक्चर डेवलपमेंट बैंक से 9,202 करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया गया। इससे चीन के साथ कारोबारी रिश्तों पर अंकुश लगाने को लेकर मोदी सरकार की नीति बेनक़ाब हो गई।’ उन्होंने सवाल किया, ‘हम विदेश मंत्री एस. जयशंकर से पूछना चाहते हैं कि क्या वह अब भी अपने बयान पर क़ायम हैं कि सीमा पर ज़मीनी स्तर पर स्थिति बदलने के चीन के एकतरफ़ा प्रयास को देखते हुए कारोबारी रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते?’ खेड़ा ने कहा कि चीन की क्षेत्रीय आक्रामकता से जुड़ी स्थिति से निपटने में मोदी सरकार के दोहरे मापदंड से देश हैरान है। उन्होंने राज्यसभा में राय द्वारा दिए गए एक सवाल के लिखित जवाब को लेकर कहा, ‘गृह राज्य मंत्री ने संसद में एक सवाल के जवाब में कहा कि चीन से लगी सीमा पर पिछले छह महीनों में कोई घुसपैठ नहीं हुई। यह गलवान घाटी में 15 जून की रात शहीद हुए हमारे बहादुर जवानों की शहादत का अपमान है।’ कांग्रेस प्रवक्ता ने पूछा, ‘क्या गलवान घाटी में टकराव चीन की सीमा में हुआ था? क्या सरकार भारतीय सेना को ही दुश्मन के क्षेत्र में दाखिल होने की ज़िम्मेदार ठहरा रही है?’ उन्होंने कहा कि सरकार को चीन के साथ सीमा पर हालात को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। (RZ)

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