यूरोपीय देश बड़ी बेशर्मी के साथ मानवाधिकारों का दावा करते हैः सर्वोच्च नेता
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने कहा है कि यूरोपीय देश बड़ी बेशर्मी के साथ मानवाधिकारों का दावा करते हैं।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनई ने न्यायपालिका सप्ताह के अवसर पर सोमवार को ईरान की न्यायपालिका के प्रमुख और अधिकारियों के साथ मुलाक़ात की।
सर्वोच्च नेता ने 28 जून 1981 को हुए आतंकी हमले में ईरान की 72 हस्तियों की शहादत का उल्लेख करते हुए कहा कि, यह ईरानी राष्ट्र के ख़िलाफ़ एक बड़ा अपराध किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले हत्यारे कि जिन्होंने अपने गुनाह को स्वयं स्वीकार भी किया है वे आज मानवाधिकार का दावा करने वाले देशों में खुले आम आते जाते हैं और वहां जीवन गुज़ार रहे हैं।
इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता ने कहा कि, फ्रांस और अन्य यूरोपीय सरकारों को शर्म नहीं आती है कि वे इन आतंकवादियों का समर्थन करते हैं यहां तक कि अपनी संसदों में उन्हें ट्रिब्यून देते हैं और साथ ही मानवाधिकारों का दावा भी करते हैं।
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