May २४, २०२३ १४:०१ Asia/Kolkata

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई का कहना है कि ख़ुर्रम शहर की जीत का भव्य कारनामा, वास्तव में अद्वितीय और बड़ा काम था।

ख़ुर्रम शहर की आज़ादी की वर्षगांठ के अवसर पर इस्लामी गणतंत्र ईरान की संसद मजलिसे शूराए इस्लामी के सांसदों ने सुप्रीम लीडर से मुलाक़ात की।

इस मौक़े पर उन्होंने देश के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा कि ख़ुर्रम शहर की जीत, एक चमत्कारिक घटना थी।

सुप्रीम लीडर ने ख़ुर्रम शहर की भव्य जीत को याद करते हुए जिसने आंखों को आपनी ओर आकर्षित कर लिया, कहा कि बैतुल मुक़द्दस आप्रेशन वह था जो ख़ुर्रम शहर की आज़ादी और जीत के साथ ख़त्म हुआ। उनका कहना था कि बैतुल मुक़द्दस आप्रेशन बलिदानों और पहलों का आप्रेशन था जिसके बारे में युद्ध के विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाना चाहिए।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा कि अगर सांसदों को अपने शहरों में चुनाव प्रचार का मौक़ा मिलता है और वह बड़े आराम से लोगों से बात करते हैं और उनकी समस्याओं को सुनते हैं तो वह पवित्र प्रतिरक्षा के काल में किए जाने वाले बलिदानों, क़ुर्बानियों और पूरी तरह से ख़ुद को मिटा देने के वास्तविक अर्थों की वजह से है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने संसद और उसमें बनने वाले क़ानूनों के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि वर्तमान संसद ने विभिन्न मैदानों में बहुत से अहम क़ानून पास किए हैं। उन्होंने कहा कि ईरान विभिन्न प्रतिबंधों को समाप्त कराने के लिए रणनैतिक एक्शन लॉ की संसद में मंज़ूरी एक अहम और बुनियादी क़ानून था जिसने देश को परमाणु मुद्दे में असमंजस की हालत से बाहर निकाला और इस क़ानून के क्रियान्वयन के परिणाम भी पूरी दुनिया में देखे गये। AK)

 

 

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