Oct १३, २०२३ १८:३८ Asia/Kolkata
  • ग़ज्ज़ा पट्टी पर इस्राईल के बर्बर हमलों के दौरान, ईरान की सक्रिय कूटनीति

ग़ज्ज़ा पट्टी के लोगों के खिलाफ़ ज़ायोनी शासन के अपराधों के जारी रहने के बीच, इस्लामी गणतंत्र ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने क्षेत्रीय यात्राएं करके ज़ायोनियों के अपराधों पर अंकुश लगाए जाने की ज़रूरत पर बल दिया है।

अमीर अब्दुल्लाहियान ने 12 अक्टूबर को इराक़ की यात्रा की और इस देश के प्रधान मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से मुलाक़ात की और विचार विमर्श किया। ईरानी विदेश मंत्री बग़दाद के बाद अपनी यात्रा के दूसरे गंतव्य के रूप में आज सुबह बेरूत पहुंचे और प्रधान मंत्री नजीब मीक़ाती, विदेश मंत्री अब्दुल्ला बूहमीद और हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैयद हसन नसरुल्लाह से मुलाक़ातें कीं। अमीर अब्दुल्लाहियान को बेरूत के बाद दमिश्क की यात्रा भी करनी है।

ग़ज्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के अंधाधुंध और बर्बर हमले, इराक़ी और लेबनानी अधिकारियों के साथ अमीर अब्दुल्लाहियान के परामर्श का मुख्य केंद्र था। इस दौरान दोनों देशों के अधिकारियों ने ग़ज्ज़ा के खिलाफ़ ज़ायोनी शासन के युद्ध के संबंध में एक सामान्य दृष्टिकोण व्यक्त किया।

यहां सबसे महत्वपूर्ण बिंदू यह है कि अल-क़ुद्स और फ़िलिस्तीन पर क़ब्ज़ा करने वाला शासन ग़ज्ज़ा पट्टी के खिलाफ़ जो हमले कर रहा है, वह स्पष्ट रूप से युद्ध अपराध का एक उदाहरण है। ग़ज्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के हमलों में लगभग 1,600 लोग शहीद हुए हैं और 7,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं। यूनिसेफ़ के अनुसार, शहीदों में से लगभग 450 बच्चे हैं। इसके अलावा, वर्षों से नाकाबंदी की मार झेल रहे ग़ज्ज़ा वासियों के लिए अब बिजली और पानी भी कर दिया गया है। ग़ज्ज़ा को इतिहास की सबसे ख़राब स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। ईरानी विदेश मंत्री ने इराक़ी अधिकारियों के साथ मुलाक़ात में इस बात पर ज़ोर दिया कि ज़ायोनी शासन द्वारा ग़ज्ज़ा में जो अपराध किए जा रहे हैं, वह युद्ध अपराधों का स्पष्ट उदाहरण हैं। इस दृष्टिकोण पर इराक़ी अधिकारियों ने भी ज़ोर दिया है।

ईरानी विदेश मंत्री की क्षेत्रीय यात्रा का दूसरा सबसे अहम मक़सद यह है कि ग़ज्ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ जारी युद्ध को रोका जाए, ताकि इसे क्षेत्रीय और वैश्विक युद्ध में बदलने से रोका जाए। अल-अक्सा तूफान में अपने 75 साल के इतिहास में सबसे बड़ी हार का सामना करने वाला अवैध शासन, ग़ज्ज़ा के खिलाफ़ ज़मीनी युद्ध शुरू करने और लेबनान और सीरिया के खिलाफ़ नए मोर्चे खोलने की कोशिश कर रहा है। अगर ज़ायोनी शासन ऐसी रणनीतिक ग़लती करता है तो ग़ज्ज़ा युद्ध एक क्षेत्रीय युद्ध में बदल जाएगा। इस संबंध में, लेबनान के प्रधान मंत्री नजीब मीक़ाती ने अमीर अब्दुल्लाहियान के साथ मुलाक़ात में इन परिस्थितियों को नियंत्रित करने के लिए राजनयिक संपर्कों को महत्वपूर्ण माना और इस राजनयिक प्रयास में ईरान की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया और क्षेत्रीय युद्ध को रोकने के सभी प्रयासों को एक महत्वपूर्ण आवश्यकता बताया।

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