अगर आईआरजीसी न होती तो बग़दाद और दमिश्क़ पर दाइश की सरकार होतीः विलायती
(last modified Sun, 08 Oct 2017 15:17:18 GMT )
Oct ०८, २०१७ २०:४७ Asia/Kolkata
  • अगर आईआरजीसी न होती तो बग़दाद और दमिश्क़ पर दाइश की सरकार होतीः विलायती

अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार डाक्टर अली अकबर विलायती ने कहा है कि दुश्मनों विशेषकर अमरीका और ज़ायोनियों को यह अच्छी तरह पता है कि क्षेत्र में ईरान और उसकी मित्र व्यवस्थाओं की रक्षा में इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान आईआरजीसी की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण और संवेदनशील है।

हमारे संवाददाता की रिपोर्ट के अनुसार, डाक्टर अली अकबर विलायती ने रविवार को ईरान के विरुद्ध अमरीका के प्रतिबंधों और इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान आईआरजीसी के विरुद्ध कुछ अमरीकी अधिकारियों के बयानों के बारे में कहा कि अमरीका ने वर्ष 1979 में ईरान की इस्लामी क्रांति की सफलता के आरंभ से अब तक ईरान के विरुद्ध हर प्रकार शत्रुता की है।

अंतर्राष्ट्रीय मामलों में इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के सलाहकार डाक्टर अली अकबर विलायती ने कहा है कि आईआरजीसी, इस्लामी गणतंत्र ईरान और इस देश के संविधान की रक्षक रही है और उस पर बहुत भारी ज़िम्मेदारियां हैं। उनका कहना था कि इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान आईआरजीसी ने व्यवहारिक रूप से अब तक बहुत होशियारी के साथ ईरान पर बहुत से ख़तरों को टाला है।

डाक्टर अली अकबर विलायती ने इराक़ और सीरिया में आईआरजीसी की परामर्श सहायताओं की ओर संकेत करते हुए कहा है कि यदि इस्लामी क्रांति संरक्षक बल सिपाहे पासदारान आईआरजीसी की परामर्श सहायता न होती तो इस समय इन देशों में वर्तमान सरकारों के बजाए, दमिश्क़ और बग़दाद पर अमरीकी पिट्ठु अर्थात दाइश की सरकार होती। (AK)

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