इस्राईली नेताओं का दम घुट रहा है, इराक़ से शुरू हो सकते हैं ज़ायोनियों पर हमले, इस्राईली मीडिया की अटकलें कि ईरान कई मोर्चों को एकजुट करके बना सकता है संयुक्त आप्रेशन कमांड
(last modified Wed, 02 Jan 2019 09:31:16 GMT )
Jan ०२, २०१९ १५:०१ Asia/Kolkata
  • इस्राईली नेताओं का दम घुट रहा है, इराक़ से शुरू हो सकते हैं ज़ायोनियों पर हमले, इस्राईली मीडिया की अटकलें कि ईरान कई मोर्चों को एकजुट करके बना सकता है संयुक्त आप्रेशन कमांड

इस्राईल इस समय इराक़ में सैन्य व स्वयंसेवी बलों की बढ़ती ताक़त को बड़ी चिंता की नज़र से देख रहा है और उसे इराक़ की धरती से अपने लिए ख़तरे की लपटें उठती दिखाई दे रही हैं।

इस्राईली अधिकारियों का कहना है कि इराक़ में सेना के अलावा गठित होने वाले सशस्त्र बल, आतंकी संगठन दाइश को निपटा देने के बाद अब इस्राईल पर अपनी नज़रें गाड़े हुए हैं क्योंकि यह संगठन इस्राईल को सरकारी आतंकवाद का उदाहरण मानते हैं। इराक़ में हो रहे परिवर्तनों पर इस्राईली अधिकारियों की विशेष तवज्जो का अंदाज़ा इस्राईली सैन्य इंटेलीजेन्स के प्रमुख मेजर जनरल तामीर हाइमान के बयान से लगाया जा सकता है जिन्होंने कहा कि ईरान इराक़ में अपने बढ़ते प्रभाव को प्रयोग करके इराक़ से इस्राईल पर हमला कर सकता है।

तेल अबीब में होने वाले एक सम्मेलन में हाइमैन ने कहा कि इराक़ में ईरान तथा वहां की अलक़ुद्स फोर्स का गहरा असर है और अलक़ुद्स फ़ोर्स वही फ़ोर्स है जो ईरान के बाहर गुप्त सैनिक कार्यवाहियां अंजाम देती है। उन्होंने कहा कि सीरिया की तरह इराक़ में भी ईरानी फ़ोर्सेज़ आसानी से अपने ठिकाने बनाकर वहां से इस्राईल पर हमला कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने सीरिया से सैनिकों को निकालने की घोषणा कर दी है तो अब ईरानियों की नज़र में इराक़ इस्राईल पर हमले के लिए बहुत उचित स्थान बन गया है। सीरिया में भी ईरान अपनी स्थिति बहुत मज़बूत कर चुका है और वहां भी ईरान की मज़बूत स्थिति इस्राईल के लिए बहुत ख़तरनाक है।

इस्राईलियों की चिंता सीरिया से अपने सैनिक निकालने की डोनल्ड ट्रम्प की घोषणा के बाद और भी बढ़ गई है क्योंकि इस्राईली अधिकारियों का मानना है कि इससे सीरिया और इराक़ दोनों ही जगहों पर ईरान का प्रभाव और भी बढ़ेगा और तेहरान से बग़दाद और वहां से दमिश्क़ और बैरूत तक ईरान उन मोर्चों को एकजुट कर लेगा जो इस्राईल विरोधी मोर्चे हैं।

गत वर्ष अगस्त महीने में रोयटर्ज़ ने ईरानी, इराक़ी और पश्चिमी सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट दी थी कि ईरान ने इराक़ में अपने घटकों को कम दूरी की मार करने वाले बैलेस्टिक मिसाइल दिए हैं। बग़दाद ने इस रिपोर्ट का खंडन किया था। रोयटर्ज़ की रिपोर्ट में कहा गया था कि ईरान से इराक़ भेजे जाने वाले मिसाइल ज़िलज़ाल और फ़ातेह110 हैं जो 200 से 700 किलोमीटर दूरी तक अपने लक्ष्य को भेद सकते हैं अतः पश्चिमी इराक़ से तेल अबीब को इन मिसाइलों से निशाना बनाया जा सकता है।

हाल ही में इस्राईल ने धमकी दी थी कि वह इराक़ में इस प्रकार के ठिकानों को निशाना बना सकता है हालांकि इस्राईल इस हमले की हिम्मत नहीं कर पाया।

इसी हफ़्ते फ़िलिस्तीन के जेहादे इस्लामी संगठन के महासचिव ज़्याद नुख़ाला ने तेहरान की यात्रा की तो उसी समय इस्राईल के सुरक्षा व इंटैलीजेन्स सूत्रों ने मीडिया को रिपोर्ट दी कि ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनई ने जेहादे इस्लामी संगठन से कहा है कि लेबनान के हिज़्बुल्लाह आंदोलन और इराक़ के सशस्त्र संगठनों के साथ मिलकर संयुक्त आप्रेशन कमांड बनाएं ताकि इस्राईल से युद्ध हो तो उसके विरुद्ध तत्काल एक नया मोर्चा खोला जा सके।

इस्राईली इंटेलीजेन्स वेबसाइट दिबका ने सूत्रों के हवाले से लिखा कि जेहादे इस्लामी के प्रतिनिधिमंडल से मुलाक़ात में ईरान के सुप्रीम  लीडर ने जो रोडमैप पेश किया है उसके तहत ग़ज़्ज़ा पट्टी में भी सभी संगठनों का एक संयुक्त आप्रेशन कमांड बनाया जाएगा।

यह भी याद रखना चाहिए कि जब हाल ही में इस्राईल और ग़ज़्ज़ा पट्टी के बीच टकराव हो गया था तो इराक़ी संगठनों ने खुलकर धमकी दी थी कि ग़ज़्ज़ा पट्टी के ख़िलाफ़ इस्राईल ने हमला किया तो उसका कठोर जवाब दिया जाएगा।     

कमाल ख़लफ़

मध्यपूर्व के मामलों के वरिष्ठ टीकाकार

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