हर महीने तीन तेल टैंकर वेनेज़ोएला भेजेगा ईरान...सीरिया की बंदरगाहों पर भी लंगर डालेंगे ईरानी जहाज़... कहां टिकी है ईरान की नज़र?
अमरीका की ट्रम्प सरकार को खुली चुनौती देते हुए ईरान की पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी ने हर महीने तीन तेल टैंकर वेनेज़ोएला भेजने का फ़ैसला किया है।
ईरान के पांच तेल टैंकर 15 लाख बैरल पेट्रोकेमिकल पदार्थ लेकर वेनेज़ोएला जा चुके हैं और अपनी खेप वहां ख़ाली करके वापस भी आ चुके हैं।
इससे पहले तक ईरान पेट्रोकेमिकल पदार्थों का आयात करने वाला देश था मगर अब वह रोज़ाना अपनी ज़रूरत से 1 लाख 72 हज़ार बैरल अतिरिक्त पेट्रोल का उत्पादन कर रहा है। ईरान ने जब से सितारए ख़लीजे फ़ार्स नाम की रिफ़ाइनरी का उद्घाटन किया है वह अपनी ज़रूरत से ज़्यादा पेट्रोल का उत्पादन करने लगा है। इस रिफ़ाइनरी में रोज़ाना साढ़े तीन लाख बैरल पेट्रोल की पैदावार करने की क्षमता है।
वेनेज़ोएला के संबंध में ईरान ने जो क़दम उठाया है उसके दो महत्वपूर्ण पहलू हैं।
इसका एक तो राजनैतिक और मनोवैज्ञानिक पहलू है क्योंकि अपने इस क़दम से ईरान अमरीका की ओर से लगाई गई अपनी नाकाबंदी भी तोड़ रहा है और वेनेज़ोएला की नाकाबंदी को भी नाकाम बना रहा है। ईरान ने साबित कर दिया कि वह अमरीका की धमकियों से नहीं डरता क्योंकि अमरीका अब कुछ कर पाने की पोज़ीशन में नहीं है यानी अगर वह कोई उत्तेजक हरकत करता है तो उसे जवाब देने के बहुतेरे मौक़े मौजूद हैं। कैरेबियन सागर का बदला बहुत आसानी से फ़ार्स खाड़ी में लिया जा सकता है।
इस क़दम का दूसरा पहलू व्यापारिक है। इस सौदे से ईरान को 50 करोड़ डालर के मूल्य का सोना मिलेगा और आने वाले दिनों में वेनेज़ोएला के राष्ट्रपति निकोलस मादोरो तेहरान की यात्रा करेंगे तो इस यात्रा में कई महत्वपूर्ण व्यापारिक समझौतों पर हस्ताक्षर होंगे।
अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने धमकी दी थी कि अमरीकी सरकार ईरान को नाकाबंदी तोड़ने की अनुमति नहीं देगी और वेनेज़ोएला तेल पहुंचाने वाली ईरानी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाएगी। मगर इस प्रकार की धमकियां अब केवल मुंह से निकलने वाली आवाज़ की हद तक सीमित होकर रह गई हैं। दूसरी बात यह है कि प्रतिबंधों से ईरान को नुक़सान पहुंचने के बजाए फ़ायदा पहुंचा है। ईरान इन प्रतिबंधों की वजह से आर्थिक रूप से आत्म निर्भर होता जा रहा है, सामरिक, रक्षा और मिसाइल व ड्रोन विमानों के क्षेत्रों में ईरान पहले ही आत्म निर्भर हो चुका है बल्कि उसने अपने घटकों को भी रक्षा के क्षेत्र में आत्म निर्भर बना दिया है। इस स्थिति को देखकर अमरीका और इस्राईल दोनों की नींद हराम हो चुकी है।
ईरान के पेट्रोकेमिकल पदार्थों की खेप लगातार वेनेज़ोएला और सीरिया पहुंच रही है और यह ट्रम्प प्रशासन की साख और अमरीकी करेंसी डालर पर बार बार पड़ने वाला तमांचा भी है।
आख़िर में बस यह कहना है कि अमरीकी प्रतिबंध अब मज़ाक़ बनकर रह गए हैं और यही हाल अमरीकी सरकार की धमकियों का है।
स्रोतः रायुल यौम