ईरान ने कड़े किए तेवर, जेसीपीओए में अमरीका की वापसी की शर्त पाबंदियों का ख़त्म होना हैः विलायती
(last modified Mon, 11 Jan 2021 16:05:34 GMT )
Jan ११, २०२१ २१:३५ Asia/Kolkata
  • ईरान ने कड़े किए तेवर, जेसीपीओए में अमरीका की वापसी की शर्त पाबंदियों का ख़त्म होना हैः विलायती

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के राजनैतिक मामलों के सलाहकार अली अकबर विलायती ने कहा है कि जेसीपीओए में अमरीका की वापसी की शर्त प्रतिबंधों की समाप्ति है।

इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता के राजनीतिक मामलों के सलाहकार अली अकबर विलायती ने कहा है कि प्रतिबंधों की समाप्ति ही अमरीका के परमाणु समझौते में वापस आने की शर्त है।उन्होंने कहा कि 2015 में होने वाले परमाणु समझौते के बाद ही ईरान ने अपनी परमाणु गतिविधियों को सीमित कर दिया था जबकि इसके मुक़ाबले में अमरीका, थोड़े-थोड़े समय पर प्रतिबंध लगाने लगा और बाद में परमाणु समझौते से ही निकल गया।

वरिष्ठ नेता के सलाहकार ने स्पष्ट किया कि यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले तीन युरोपीय देश फ़्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने अमरीका का अनुसरण करते हुए ईरान के लिए बहुत सी बाधाएं पैदा कीं जो एक प्रकार का प्रतिबंध ही था।  उन्होंने कहा कि इसकी तुलना में रुस और चीन ने जहाँ तक हो सका अपने वचनों का पालन किया। विलायती ने कहा कि अमरीका के इस प्रकार के व्यवहार के कारण स्वाभाविक सी बात है कि ईरान, वार्ता के प्रति आशावान नहीं है।

अली अकबर विलायती ने कहा कि परमाणु उद्योग ऐसा उद्योग है जिससे 500 औद्योगिक व वैज्ञानिक विषय जुड़े हुए हैं।  उनका कहना था कि जो भी देश, एनपीटी का सदस्य है उसको परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग का पूरा अधिकार है।  ऐसे में कोई भी देश स्वयं को परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग से वंचित नहीं कर सकता।  वरिष्ठ नेता के सलाहकार इस बात को स्पष्ट कर दिया कि ईरान इस बात पर आग्रह नहीं कर रहा है कि अमरीका, परमाणु समझौते में वापस आए। उनका कहना था कि हमारी तार्किक मांग यह है कि प्रतिबंध हटाए जाएं, क्योंकि प्रतिबंध अतार्किक हैं। (MAQ/N) 

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