जायोनी शासन के लिए सबसे बड़ा खतरा फिलिस्तीनी नहीं बल्कि खुद इस्राईल हैः मोसाद
मोसाद के पूर्व प्रमुख "तामीर यारदू" का कहना है कि सन 1967 से अब तक इस्राईल के पास कोई स्पष्ट स्ट्रैटेजी नहीं है। उन्होंने कहा कि ज़ायोनी शासन के लिए इस्राईल खुद सबसे बड़ा ख़तरा है।
मोसाद के पूर्व प्रमुख ने बताया है कि ज़ायोनी शासन के लिए सबसे बड़ा ख़तरा फ़िलिस्तीनी नहीं बल्कि ख़ुद इस्राईल है। तामीर यारदू के अनुसार 1967 से इस्राईल बिना किसी स्पष्ट स्ट्रैटेजी के चल रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि आगामी 30 वर्षो में एक यहूदी देश बनाने के बारे में ज़ायोनी शासन के किसी भी अधकारी के पास कोई जवाब नहीं है। मोसाद के पूर्व प्रमुख ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इस्राईल में जारी आत्मविध्वंस की प्रक्रिया, इस्राईल के लिए बहुत बड़ी चुनौती बन चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस समय इस्राईल विघटन की प्रक्रिया से गुज़र रहा है जो बहुत ही संवेदनशील दौर है। उनका कहना था कि यह सब आंतिरक मतभेदों व अंतर्कलह के कारण हो रहा है।
मोसाद के पूर्व प्रमुख ने पिछले सप्ताह ज़ायोनी शासन की संसद नेसेट की स्थति की ओर संकेत करते हुए कहा था कि इस्राईल ने स्वयं ही स्वयं के विध्वंस के सिस्टम को सक्रिय किया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस्राईल के भूतपूर्व प्रधानमंत्री एहूद बराक ने भी कहा था कि इस्राईल का अंत बहुत निकट है। MM
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