Sep ०७, २०२३ १५:०३ Asia/Kolkata
  • बहरैन में सभी पाबंदियों को तोड़ते हुए अज़ादारों ने किया अरबईन मार्च

बहरैन में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की शोक सभाओं पर हर तरह के प्रतिबंधों के बावजूद इस देश के शिया मुसलमानों ने अरबईन के दिन विशाल मार्च निकाला।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, बहरैन का अत्याचारी आले ख़लीफ़ा शासन इस देश के शिया मुसलमानों के साथ वर्षों से अत्याचारपूर्ण रवैया अपनाए हुए है। कई साल से इस देश में पैग़म्बरे इस्लाम (स) के प्रण प्रिया नवासे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी पर भी प्रतिबंध लगा हुआ है। लेकिन हर साल इस देश के की जनता सभी पाबंदियों के बावजूद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का शोक मनाती चली आ रही है। इस साल भी बहरैन की राजधानी मनामा के नज़दीक शिया मुसलमानों ने चेहलुम के मौक़े पर विशाल अरबईन मार्च निकाला। बहरैन के शिया मुसलमान अरबईन के मौक़े पर आयोजित होने वाली शोक सभाओं और अरबईन मार्च में भाग लेने के लिए भारी संख्या में राजधानी मनामा के पास स्थित "अल-द्राज़" क्षेत्र की सड़कों पर आए और कर्बला के शहीदों को याद किया।

इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के चहेलुम के मौक़े पर बहरैन की सड़कों पर शिया मुसलमानों का अरबईन मार्च।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बहरैन के शिया युवाओं ने अरबईन के मौक़े पर आयोजित मार्च में बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। इस मौक़े पर सड़कों पर नौहे पढ़े गए और मातम किया गया। ग़ौरतलब है कि 2011 में बहरैन में जन आंदोलन की शुरूआत के बाद से आले ख़लीफ़ा शासन के सैनिक हर साल मोहर्रम में अज़ादारी करने वाले शिया मुसलमानों पर हमला कर देते हैं और अज़ादारों को उठाकर ले जाते हैं। (RZ)

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर पर हमें फ़ालो कीजिए 

फेसबुक पर हमारे पेज को लाइक करें

टैग्स