इराक़, अमरीकी सैनिकों का टिक पाना हुआ कठिन, सशस्त्र गुटों की धमकी के बाद अब राजनैतिक दल भी आए मैदान में
इराक़ में अनेक राजनैतिक दलों व गुटों की ओर से बग़दाद सरकार से अमरीकी फ़ौजियों को बाहर निकालने की मांग से, एक बार फिर अमरीकी फ़ौजियों को इराक़ से बाहर निकालने का मामला गर्मा गया है।
अल-अरबी अल-जदीद के मुताबिक़, बग़दाद-वॉशिंगटन के बीच रणनैतिक बातचीत के चौथे चरण की शुरूआत में कुछ हफ़्ते बचे हैं। ऐसे में इराक़ के अनेक सशस्त्र गुटों ने अपने देश में अमरीकी फ़ौजियों के निशाना बनाने की धमकी दी है और संसद में अनेक राजनैतिक दलों मुख्य रूप से अल-फ़त्ह और ‘स्टेट ऑफ़ लॉ’ गठबंधन ने एक बार फिर इराक़ से अमरीकी फ़ौजियों को निकालने के लिए अपनी कोशिश तेज़ कर दी है।
इराक़ में राजनैतिक दल, देश के प्रधान मंत्री मुस्तफ़ा अल-काज़ेमी पर अमरीका के साथ गुप्त समझौता करने और गुप्त समझौते के तहत अमरीकी फ़ोर्सेज़ की इराक़ में बाक़ी रखने की कोशिश का इल्ज़ाम लगा रहे हैं। इन दलों का कहना है कि सरकार नहीं चाहती कि इराक़ से अमरीकी फ़ोर्सेज़ बाहर निकले।
इन राजनैतिक दलों व गुटों ने अमरीकी फ़ौजियों को इराक़ से निकालने के मामले को फिर से संसद में उठाने की कोशिश शुरू कर दी है और संसद के अगले संत्र में उसकी समीक्षा करने और अमरीकी फ़ौजियों को निकालने से संबंधित प्रस्ताव के लागू होने में विलंब का कारण स्पष्ट करने की मांग की है।
इस बात की संभावना है कि बग़दाद-वॉशिंगटन के बीच रणनैतिक बातचीत का चौथा चरण अगस्त महीने में वॉशिंगटन में आयोजित हो।
इराक़ी जनता और अनेक राजनैतिक दल अपने देश से अमरीकी आतंकवादी फ़ोर्सेज़ के निकलने के इच्छुक हैं और संसद में अमरीकी फ़ोर्सेज़ के निकालने का प्रस्ताव पहले ही पारित हो चुका है।
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