यमन की आम जनता की ओर फिर खुले सऊदी अरब के तोपखाने, यमन जीतने निकले आले सऊद अब खो रहे हैं अपनी ज़मीन
(last modified Tue, 27 Jul 2021 03:00:09 GMT )
Jul २७, २०२१ ०८:३० Asia/Kolkata
  • यमन की आम जनता की ओर फिर खुले सऊदी अरब के तोपखाने, यमन जीतने निकले आले सऊद अब खो रहे हैं अपनी ज़मीन

हमलावर सऊदी गठबंधन ने सोमवार देर रात उत्तरी यमन में स्थित सअदा प्रांत के मंबा शहर के अलरक़ू क्षेत्र में मौजूद आवासीय इलाक़ों पर तोपख़ानों से हमला किया है।

समाचार एजेंसी इर्ना की रिपोर्ट के मुताबिक़, सोमवार देर रात हमलावर सऊदी गठबंधन द्वारा तोपख़ानों से किए गए हमलों में दो आम यमनी नागरिकों की मौत हो गई है। हमलावर गठबंधन ने हालिया हफ़्तों में यमन के विभिन्न प्रांतों में स्थित आवासीय इलाक़ों को निशाना बनाकर हमला किया है। वहीं यमनी सेना और स्वयंसेवी बल लगातार सऊदी अरब और उसके एजेंटों द्वारा किए जाने वाले पाश्विक हमलों का मुंहतोड़ जवाब दे रहे हैं। इस समय यमन युद्ध की स्थिति यह है कि सऊदी अरब को अब अपनी ही ज़मीन की रक्षा करने के लिए लोहे के चने चबाने पड़ रहे हैं। ग़ौरतलब है कि जब यमन पर सऊदी गठबंधन ने हमला किया था तब उसने घोषणा की थी कि यह युद्ध हम जल्द ही अपने पक्ष में समाप्त कर लेंगे। लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे उसके तमाम दावे खोखले नज़र आते गए क्योंकि युद्ध के मैदान में यमनी सेना और स्वयंसेवी बल सऊदी गठबंधन पर लगातार भारी पड़ते जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि सऊदी अरब ने अमेरिका, संयुक्त अरब इमारात और कुछ अन्य अरब देशों की मदद से वर्ष 2015 के मार्च महीने से यमन पर पाश्विक हमले शुरु किया था, इस बीच यमन की ज़मीनी, हवाई और समुद्री घेराबंदी भी कर रखी है। सऊदी अरब और उसके गठबंधन द्वारा थोपे गए युद्ध के कारण अबतक 17 हज़ार से अधिक यमनी मौत की नींद सो चुके हैं, जबकि घायलों की संख्या दसियों हज़ार में है और विस्थापित होनों वालों की संख्या लाखों में पहुंच गई है। सऊदी अरब की सेना द्वारा किए गए हमलों और घेराबंदी के कारण पश्चिमी एशिया के सबसे ग़रीब देश यमन में इस समय खाद्य पदार्थों और दवाओं की भारी कमी है। (RZ)

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