मारिब में यमनियों के हाथों सऊदी अरब को बड़ी हार का सामना, सऊदी इलाक़ों पर भी हमले
यमन में मारिब प्रांत के केन्द्रीय नगर मारिब पर नियंत्रण के लिए यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों के साथ सऊदी गठबंधन की लड़ाई बहुत तेज़ हो गई है।
इस बीच जहां सऊदी युद्धक विमानों ने यमनी सेना और स्वयंसेवी फ़ोर्सेज़ के ठिकानों पर भीषण हमले किए हैं वहीं यमनी सेना ने जवाब देते हुए सऊदी अरब के कई इलाक़ों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए हैं।
यमनी सेना और अंसारुल्लाह आंदोलन ने मिलकर सऊदी अरब के जाज़ान इलाक़े पर हमले किए।
सऊदी अरब ने भी हमलों की बात मानी है लेकिन दावा किया है कि हमले में इस्तेमाल होने वाले मिसाइलों और ड्रोन विमानों को लक्ष्य तक पहुंचने से पहले हवा में ही ध्वस्त कर दिया गया।
मारिब इलाक़ा तेल और गैस के भंडारों की वजह से बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए कई महीनों से लड़ाई बहुत तेज़ हो गई है।
मारिब में जो हालात हैं उन्हें देखते हुए सऊदी गठबंधन को यक़ीन हो चला है कि उसके घटक इस इलाक़े में शिकस्त के बिल्कुल क़रीब पहुंच चुके हैं इसलिए सऊदी अरब संयुक्त राष्ट्र संघ की मदद से कोशिश कर रहा है कि तत्काल संघर्ष विराम हो जाए ताकि यमनी सेना और स्वयंसेवी बलों की प्रगति रुक जाए।
सऊदी गठबंधन यह टैकटिक कई बार अपना चुका है कि किसी भी मोर्चे पर हार नज़र आने के बाद वह संघर्ष विराम के लिए प्रयास शुरू कर देता है लेकिन फिर हालात को अनुकूल देखकर हमले शुरू कर देता है।
यमनी सेना और अंसारुल्लाह आंदोलन का कहना है कि संघर्ष विराम तब होगा जब सऊदी अरब यमन की नाकाबंदी समाप्त करेगा।
यमन के मामलों में अमरीका के विशेष दूत टिम लिंडरकिंग ने भी अंसारुल्लाह और यमनी सेना की प्रगति देखते हुए उन पर आरोप लगाना शुरू कर दिया है। लिंडरकिंग ने कहा कि अंसारुल्लाह आंदोलन शांति के प्रयासों का सम्मान नहीं कर रहा है। उन्होंने यह दावा भी कर दिया कि अमरीका ने अंसारुल्लाह के बहुत से नेताओं पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसका बहुत असर हुआ है।
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