आख़िर दुनिया के सबसे बड़े चोर को कौन पकड़ेगा? संयुक्त राष्ट्र संघ की आंखों के सामने होती चोरी!
सीरिया में ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से मौजूद अमेरिकी आतंकवादी अभी भी इस देश के राष्ट्रीय भंडार को लूटने में व्यस्त हैं।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, एक ओर दुनिया जहां यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस द्वारा आरंभ किए गए विशेष सैन्य अभियान पर इतना हाय-तौबा मचाए हुए है वहीं सीरिया के मुद्दे पर पूरी तरह ख़ामोश तमाशाई बनी हुई है। इसका एक ही कारण है और वह है अमेरिका। समाचार एजेंसी साना के अनुसार, 94 सैन्य ट्रकों और तेल टैंकरों सहित विभिन्न प्रकार के हथियारों से लैस आतंकवादी अमेरिकी सैनिकों का एक क़ाफिला बीती रात सीरिया के अवैध अल-महमूदिया क्रॉसिंग से इराक़ में दाख़िल हुआ है। वहीं स्थानीय सूत्रों के अनुसार, आतंकवादी अमेरिकी सैनिकों के 30 तेल टैंकरों ने अवैध अल-वलीद क्रॉसिंग से इराक़ में प्रवेश किया है, जबकि 44 अन्य तेल टैंकर सीरिया के अवैध अल-महमूदिया क्रॉसिंग से इराक़ में प्रवेश कर चुके हैं। इसके अलावा, गेहूं से भरे 20 कंटेनरों ने भी सिमालका अवैध क्रॉसिंग से उत्तरी इराक़ में प्रवेश किया है। वहीं पिछले हफ़्ते भी 123 अमेरिकी तेल टैंकर अल-जज़ीरा इलाक़े से सीरियाई तेल लूट कर इराक़ के लिए रवाना हुए थे।
अमेरिका द्वारा इतनी बड़ी और खुल्लम-खुल्ला चोरी पर दुनिया के सबसे बड़ा संघ संयुक्त राष्ट्र भी तमाशाई बना बैठा है। जबकि इस चोरी की सीरिया ने कई बार संयुक्त राष्ट्र संघ में शिकायत की है। कुछ दिन पहले सीरिया के राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार बसीना शाबान ने भी इस बात पर ज़ोर दिया था कि अमेरिका एक तरफ़ सीरिया में आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और दूसरी तरफ सीरियाई राष्ट्र के प्राकृतिक संसाधनों को लूट रहा है। दमिश्क़ ने हमेशा से सीरिया में अमेरिका की उपस्थिति को अवैध क़ब्ज़ा और राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन बताया है। दिलचस्प बात यह है कि यूक्रेन पर रूस के हमला पर चीख़-चीख़ कर इस हमले को ग़लत बताने वालों ने आज तक सीरिया और यमन पर किए जाने वाले हमलों और वहां की जाने वाली चोरियों पर एक भी शब्द नहीं कहे हैं। (RZ)
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