पश्चिमी देशों की सियासतबाज़ी और आतंकियों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में सीरियाई सरकार की मनवता प्रेमी सहायताएं
(last modified Wed, 15 Feb 2023 07:49:24 GMT )
Feb १५, २०२३ १३:१९ Asia/Kolkata
  • पश्चिमी देशों की सियासतबाज़ी और आतंकियों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में सीरियाई सरकार की मनवता प्रेमी सहायताएं

अमरीका और यूरोपीय देश सीरिया के भूकंप प्रभावित इलाक़ों में मानवीय सहायता भेजने के सिलसिले में लगातार बहानेबाज़ी कर रहे हैं जबकि इस बीच सीरियाई सरकार ने आतंकियों के नियंत्रण वाले इलाक़े में दभी सीरियाई जनता के लिए सहायता भेजने का सिलसिला शुरू कर दिया है।

6 फ़रवरी को सीरिया और तुर्किए में 7.8 डिग्री का भीषण भूकंप आया जिसमें अब तक 41 हज़ार से अधिक जानें जा चुकी हैं। हज़ारों की संख्या में लोग मल्बे के नीचे दबे हुए हैं हालांकि अब किसी के जीवित बचे होने की आशा बहुत कम है।

सीरिया के सिलसिले में अस्ली मसला यह है कि इदलिब और हलब के जिन इलाक़ों में भूकंप से भारी तबाही हुई है उन इलाक़ों पर उन चरमपंथियों का नियंत्रण है जो तुर्की और पश्चिमी देशों के समर्थन से सीरियाई सरकार और जनता के ख़िलाफ़ लड़ते रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ ने रविवार को एक बयान में कहा कि आतंकियों के नियंत्रण वाले इलाक़ों में बचाव और सहायता अभियान में बड़ी अड़चनें आ रही हैं। इस समय पश्चिमोत्तरी सीरिया के इलाक़े में 27 आतंकी संगठन हैं जिनका संबंध दाइश और अलक़ायदा से है। इनमें सबसे प्रमुख अन्नुस्रा फ़्रंट है जिसने अपना नाम बदलकर हैअत तहरीरे शाम रख लिया है।

इन इलाक़ों पर सीरियाई सरकार का ख़ास नियंत्रण नहीं है मगर सरकार को इन इलाक़ों में बसे आम लोगों की चिंता है। यहां काफ़ी संख्या में लोग अभी मल्बे के नीचे दबे हैं और शेष को मानवताप्रेमी सहायता की सख़्त ज़रूरत है। सीरियाई सरकार ने मानवीय बुनियाद पर फ़ैसला करते हुए बाबुस्सलाम और अलराई नाम के दो पास खोल दिए हें जिससे गुज़र कर मानवता प्रेमी सहायता भूकंप पीड़ितों तक पहुंच सकती है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस फ़ैसले का स्वागत किया।

मगर इसके बाद भी पश्चिमोत्तरी सीरिया के इलाक़ों में भूकंप पीड़ितों को दो गंभीर समस्याओं का सामना है। पहली समस्या यह है कि इन इलाक़ों में मौजूद चरमपंथी संगठन अमानवीय हरकतें कर रहे हैं। आतंकी संगठन सहायता तो ले लेते हैं मगर उसे भूकंप पीड़ितों के बीच नहीं बाटते वे अपने आतंकी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए इस सहायता का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं। हैअत तहरीरे शाम संगठन के सरग़ना अबू मुहम्मद जौलानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उनका संगठन अंतर्राष्ट्रीय मानवीय सहायता प्राप्त करके भूकंप पीड़ितों तक पहुंचाने की क्षमता रखता है और वह आतंकी संगठन नहीं है।

दूसरी समस्या यह है कि पश्चिमी देश मानवता प्रेमी सहायता भेजने के मामले में टालमटोल कर रहे हैं और आतंकी संगठनों के सरग़नाओं से बातचीत के तरीक़ों पर विचार कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने इस पर टिप्पणी की है। उन्होंने दो पास खोलने के सीरियाई सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया और कहा कि अब सियासी खेल का समय नहीं है इस समय सहायता की ज़रूरत है और हमें उम्मीद है कि सीरियाई सरकार के साथ कुछ और भी रास्ते खोलने पर हमारी सहमति हो जाएगी।

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