ग़ज़्ज़ा के बारे में एक न्यायालय का गठन बहुत ज़रूरी हैः राष्ट्रसंघ
संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ग़ज़्ज़ा युद्ध के संबन्ध में एक विशेष न्यायालय के गठन की मांग की है।
ग़ज़्ज़ा में भारी रक्तपात को देखते हुए अन्तर्राष्ट्रीय संस्था, संयुक्त राष्ट्रसंघ ने ग़ज़्ज़ा त्रासदी को लेकर एक विशेष अदालत के गठन का आह्वान किया है।
इस्ना की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रसंघ के महासचिव के मानवीय मामलों के सलाहकार ने एक साक्षात्कार में कहा है कि इस बात को देखा जा रहा है कि ग़ज़्ज़ा युद्ध के कारण दंडित होने से बचने के प्रयास किये जा रहे हैं। एसे में ग़ज़्ज़ा युद्ध को लेकर एक विशेष अदालत का गठन किया जाना चाहिए।
उनका कहना था कि ग़ज़्ज़ा में बमबारी से मरने वालों की संख्या में वहां पर विभिन्न बीमारियों में मरने वालों की संख्या संभवतः अधिक है। मलवा हटाने का काम शुरू होने के साथ ही इस संख्या बहुत तेज़ी से वृद्धि होने की आशा की जा रही है।
ग़ज्ज़ा युद्ध आरंभ होने से पहले तक वहां पर सहायता के लिए विभिन्न रास्तों से लगभग 500 ट्रक प्रतिदिन पहुंच रहे थे। मार्टिन ग्रिफ़्थ का कहना था कि मेरे इस इन्टरव्यू से एक दिन पहले रफ़ह पास से केवल 100 ट्रकों में सहायता सामग्री लाई गई। उनका कहना था कि रफ़ह पास के भीतर इससे अधिक वाहनों को भेजने की क्षमता नहीं पाई जाती है।
ज़ायोनियों द्वारा ग़ज़्ज़ा पर की जाने वाली लगातार बमबारी से वहां पर बहुत बड़े पैमाने पर विनाश हुआ है। ग़ज़्ज़ा की विनाशलीला को देखकर हरकोई अचंभे में है।
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