आख़िरकार जिस बात का डर था वही होने लगा, पश्चिमी एशिया में एक और युद्ध ने दी दस्तक, यमन पर ब्रिटेन और अमेरिका का हमला, ईरान ने दी प्रतिक्रिया
(last modified Fri, 12 Jan 2024 08:28:49 GMT )
Jan १२, २०२४ १३:५८ Asia/Kolkata
  • आख़िरकार जिस बात का डर था वही होने लगा, पश्चिमी एशिया में एक और युद्ध ने दी दस्तक, यमन पर ब्रिटेन और अमेरिका का हमला, ईरान ने दी प्रतिक्रिया

इस्लामी गणराज्य ईरान ग़ज़्ज़ा में अवैध आतंकी शासन इस्राईल द्वारा किए जाने वाले पाश्विक हमलों को लेकर लगातार जिस चीज़ की चेतावनी दे रहा था आख़िरकार वह सच होती दिखाई दे रही है। बता दें कि तेहरान ने बारमबार यह बात कही थी कि ग़ज़्ज़ा युद्ध में जिस प्रकार अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों द्वारा अवैध ज़ायोनी शासन का समर्थन किया जा रहा है वह हालात और ख़राब करेंगे और ग़ज़्ज़ा युद्ध की आग पूरे क्षेत्र तक फैलने का कारण बन सकता है।  

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन ने पश्चिमी एशिया के सबसे ग़रीब देश यमन पर हमले आरंभ कर दिए हैं। हमलावर देशों ने इन हमलों को यमन द्वारा लाल सागर में अवैध आतंकी इस्राईली शासन के मालवाहक जहाज़ों को निशाना बनाए जाने की प्रतिक्रिया बताई है। बता दें कि फ़िलिस्तीन के पीड़ित लोगों के समर्थन में ग़ज़्ज़ा पट्टी पर ज़ायोनी शासन के पाश्विक हमलों के तेज़ होने के बाद, यमनी सेना ने किसी भी इस्राईली जहाज़ों को बाबुल मंदब जलडमरूमध्य और लाल सागर से गुज़रने की अनुमति नहीं दी है। इस बीच बिना इजाज़त के गुज़रने वाले इस्राईली जहाज़ों को यमनी नौसेना लगातार निशाना बना रही है। वहीं यमन पर हमलों की पुष्टि करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यह चेतावनी भी दी है कि “यदि आवश्यक हुआ तो हम आगे की कार्यवाही करने में संकोच नहीं करेंगे।” गुरुवार को जारी एक बयान में उन्होंने कहा, “यह हमले स्पष्ट रूप से पुष्टि करते हैं कि न तो हम और न ही हमारे सहयोगी हमारे लोगों के ख़िलाफ़ कृत्यों और नेविगेशन की स्वतंत्रता को कमज़ोर करने वाले किसी भी कृत्य को बर्दाश्त करेंगे।”

इस बीच ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने यमन पर अमेरिकी और ब्रिटिश सैन्य हमलों की कड़ी निंदा की और इसे एक मनमानी कार्यवाही, यमन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का स्पष्ट उल्लंघन और अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों और नियमों का उल्लंघन बताया। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन मनमाने हमलों का क्षेत्र में असुरक्षा और अस्थिरता को बढ़ावा देने के अलावा कोई परिणाम नहीं होगा। नासिर कनआनी ने कहा कि ऐसी स्थिति में कि जब ज़ायोनी शासन ग़ज़्ज़ा पट्टी और फ़िलिस्तीन के वेस्ट बैंक में अपने हमले और युद्ध अपराध जारी रखे हुए है, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन यमन पर हमले करके एक नक़ली, अपराधी और हमलावर शासन के अपराधों की ओर से दुनिया के लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहे हैं। अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा यमन पर किए जा रहे हमलों पर रूस, सऊदी अरब समेत दुनिया के कई देशों ने अपनी-अपनी प्रतिकयाएं दी हैं और सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाए जाने पर बल दिया है। (RZ)

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