इस्राईलियों के बीच एक अहम सोच पनप रही है, फ़िलिस्तीन की ज़मीन हमारी नहीं है
(last modified Mon, 08 Jul 2024 11:29:37 GMT )
Jul ०८, २०२४ १६:५९ Asia/Kolkata
  • इस्राईलियों के बीच एक अहम सोच पनप रही है, फ़िलिस्तीन की ज़मीन हमारी नहीं है
    इस्राईलियों के बीच एक अहम सोच पनप रही है, फ़िलिस्तीन की ज़मीन हमारी नहीं है

पार्सटुडे - एक ज़ायोनी विश्लेषक ने स्वीकार किया कि इस्राईली, साम्राज्यवादी शासन के अस्तित्व की आशा ही छोड़ रहे हैं।

7  अक्टूबर, 2023 को अल-अक्सा स्टॉर्म ऑप्रेशन की शुरुआत के साथ ही ज़ायोनियों का आपराधिक चेहरा, दुनिया के लोगों के सामने इस तरह से स्पष्ट हो गया कि इस मुद्दे ने इस अवैध शासन की कई नीतियों की विफलता को पहले से ज़्यादा जग ज़ाहिर कर दिया है।

पार्सटुडे के अनुसार, बेन कैस्पिट एक प्रसिद्ध ज़ायोनी विश्लेषक हैं। वह इस्राईली समाचार पत्र मआरीव में एक नोट में यह स्वीकार करते हुए कि इस्राईली शासन का पतन निकट आ रहा है, लिखते हैं: आज इस्राईल के विनाश का मुद्दा फिर से एजेंडे में है और इस्राईल के दुश्मनों की नज़र में यह एक साकार होने वाला मुद्दा है।

बेन कैस्पिट ने कहा: दिन प्रतिदिन ऐसे इस्राईलियों की संख्या बढ़ रही है जो मानते हैं कि इस्राईल अब अगली पीढ़ियों को शिक्षित करने और पालने के लिए उपयुक्त जगह नहीं है, ये लोग पूरी ताक़त से और पूरे  ज़ोरो शोर से सोच रहे हैं और इस बात पर जोर दे रहे हैं कि वर्तमान इस्राईल, उस इस्राईल से जिसे उनके पूर्वजों ने वर्ष 1976 में बनाया था, पूरी तरह से अलग है।

इस ज़ायोनी विश्लेषक का लेख, विभिन्न आयामों से इस तथ्य की पुष्टि करते हैं कि फ़िलिस्तीन की ओर पलायन करने वाले ज़ायोनियों और यहूदियों को यह एहसास हो गया है कि फ़िलिस्तीन की ज़मीन उनकी नहीं है।

बेन कैस्पिट ने अपने लेख में इस्राईली प्रधानमंत्री बेंन्यामीन नेतन्याहू पर हमला करते हुए लिखा है: यह निश्चित है कि भले ही हम उस निर्णायक जीत को हासिल करने में सफल हो जाएं जिसे इस ट्रैवलिंग सेल्समैन (नेतन्याहू) ने, जिसने इस्राईल को बंधक बना लिया है, हमसे वादा किया है, लेकिन उसके बावजूद उन्होंने ग़ज़ा में हमास के सीनियर नेता यहिया अल-सेनवार को अपडेटेड और नवीव नेता सलाहुद्दीन अय्यूबी में बदल दिया है।

सैद्धांतिक रूप से, उन्होंने इतिहास में इस्राईली सत्ता को सबसे दर्दनाक झटका दिया है। उन्होंने इस्राईल की ख़ुफ़िया सेवाओं का मजाक उड़ाया और इस्राईली सेना को नाकों चने चबवा दिए ताकि इस्राईल की उस अहम नस पर हमला करे जिससे वह कभी खड़ा न हो सके और तेल अवीव के बुरे सपने को वास्तविक बना दे।

इस ज़ायोनी लेखक और विश्लेषक ने स्वीकार किया है कि ग़ज़ा में हमास के नेता टूटते हुए इस्राईली समाज को देख रहे हैं और इसके हर पल का आनंद ले रहे हैं। उनका मानना ​​है कि पहले से कहीं ज़्यादा तेज़ी से वक़्त उनके पक्ष में बढ़ रहा है और वह इसे अच्छी तरह से जानते हैं कि उनका नाम हमेशा के लिए उनके राष्ट्र के इतिहास में लिख उठा है।

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