तुर्क सरकार बिना सुबूत गिरफ़्तार न करे, बान की मून
(last modified Thu, 28 Jul 2016 05:32:51 GMT )
Jul २८, २०१६ ११:०२ Asia/Kolkata
  • 24 जून 2016 को इस्तांबुल की मेट्रिस जेल के बाहर प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति उस बाड़े पर हाथ रखे जिस पर बंदियों ने ताले लगए हैं
    24 जून 2016 को इस्तांबुल की मेट्रिस जेल के बाहर प्रदर्शन के दौरान एक व्यक्ति उस बाड़े पर हाथ रखे जिस पर बंदियों ने ताले लगए हैं

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने तुर्क सरकार से मांग की है कि विफल सैन्य विद्रोह के बाद जिन्हें गिरफ़्तार किया गया है, उनके बारे में ठोस सुबूत पेश करे।

महासचिव के प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने कहा कि बुधवार को तुर्क विदेश मंत्री महमूद चाउश ओग़लू से टेलीफ़ोन पर बातचीत में, बान की मून ने उन्हें अपनी चिंता से अवगत किराया।

फ़रहान हक़ ने कहा, “बान की मून ने हिरासत में मौजूद लोगों की स्थिति और उनके साथ दुर्व्यवहार पर आधारित चिंताजनक रिपोर्टों को हवाला दिया और व्यापक स्तर पर जारी गिरफ़्तारी, निलंबन और हिरासत में लिए जाने पर, गहरी चिंता जतायी।”

 

इससे पहले बुधवार को तुर्क प्रधान मंत्री बिन अली यिलद्रिम ने चेतावनी दी कि सैन्य विद्रोह से जुड़ी सरकार की कार्यवाही अभी पूरी नहीं हुयी है और गिरफ़्तारियां हो सकती हैं।

 

तुर्की के गृह मंत्रालय ने एलान किया है कि विफल सैन्य विद्रोह के नतीजे में अब तक 15000 से ज़्यादा लोगों को हवालात में रखा गया है जिनमें 10000 सैनिक हैं।

इसी प्रकार अंकारा ने 150 जनरल और एडमिरल सहित 1700 सैन्य अधिकारियों को सेना से सेवामुक्त कर दिया है।

इसी प्रकार तुर्क सरकार ने सैन्य विद्रोह के आरोप में 50 पत्रकारों की भी गिरफ़्तारी का वारेंट जारी किया है।

 

फ़रहान हक़ ने बताया कि बान की मून ने तुर्क विदेश मंत्री से कहा है कि जिन लोगों से पूछताछ चल रही हैं उनके बारे में जल्द से जल्द ठोस सुबूत न्यायतंत्र में पेश हो, ताकि अदालत के सामने क़ानूनी निष्कर्श पेश हो सके।

ज्ञात रहे तुर्की में 15 जुलाई 2016 के विफल सैन्य विद्रोह में 250 से ज़्यादा लोग मारे गए और 2000 से ज़्यादा घायल हुए। (MAQ/N)

 

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