परमाणु शस्त्र रहित मध्यपूर्व के बारे में आईएईए का रक्षात्मक दृष्टिकोण
परमाणु शस्त्र रहित मध्यपूर्व के बारे में आईएईए का रक्षात्मक दृष्टिकोण
अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी आईएईए के महानिदेशक यूकिया अमानो ने कहा कि आईएईए मध्यपूर्व के परमाणु रहित होने का समर्थन करती है लेकिन इस प्रक्रिया का सिर्फ़ तकनीकी दृष्टि से साथ दे सकती है। डेनमार्क में अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन केन्द्र की मेज़बानी में आयोजित एक बैठक में यूकिया अमानो ने कहा कि यह संस्था परमाणु निरस्त्रीकरण के संबंध में वार्ता के लिए नहीं है और न ही संयुक्त राष्ट्र संघ की पहली कमेटी का स्थान लेना चाहती है जिसका कर्तव्य परमाणु निरस्त्रीकरण है। अमानो उन सवालों को टाल गए जो ज़ायोनी शासन के परमाणु हथियारों और दुनिया में परमाणु हथियार को कम करने के संबंध में आईएईए के कर्तव्य के बारे में थे।
अमानो का यह बयान ऐसे समय सामने आया है कि 2020 में परमाणु अप्रसार संधि की पुनर्समीक्षा सम्मेलन की तय्यारी की कमेटी की पहली बैठक शुक्रवार को ख़त्म हो गयी जिसका नतीजा कोई ख़ास नहीं रहा। वियना बैठक में आईएईए में ईरान के प्रतिनिधि रज़ा नजफ़ी ने पूरी दुनिया से परमाणु निरस्त्रीकरण पर बल देते हुए कहा कि ज़ायोनी शासन अमरीका की ओर से समर्थन के कारण मध्यपूर्व के परमाणु निरस्त्रीकरण के मार्ग में रुकावट बना हुआ है। कुछ सूत्रों का मानना है कि इस समय ज़ायोनी शासन के पास 200 से 400 परमाणु बम है।
अगर हक़ीक़त में हम दुनिया के सामने मौजूद परमाणु ख़तरे के संबंध में चिंतित हैं तो यह बात जान लेनी चाहिए कि यह ख़तरा अमरीका सहित परमाणु हथियार से संपन्न देशों की ओर से है। इस समय अमरीका पांचवी पीढ़ी के परमाणु हथियार बना रहा है। अब तक अमरीका 1000 बार परमाणु टेस्ट कर चुका है। अमरीका मध्यपूर्व के परमाणु रहित होने के बारे में कान्फ़्रेंस के आयोजन के भी ख़िलाफ़ है। यह ऐसी हालत में है कि 120 से ज़्यादा देशों के संगठन गुट निरपेक्ष आंदोलन ने अपने बयान में मध्यपूर्व के परमाणु बम सहित दूसरे प्रकार के जनसंहारक हथियार से ख़ाली होने का समर्थन किया है।
इन सब बातों के मद्देनज़र अमानो के इस दृष्टिकोण से कि आईएईए निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान नहीं दे सकता, इस संस्था के सदस्य देश आईएईए की भूमिका के संबंध में निराश हुए हैं। (MAQ/T)