मूसिल के निवासी अपने शहर की आज़ादी के जश्न में डूबे: वीडियो
इराक़ के मूसिल शहर के निवासी तकफ़ीरी दाइश के आतंकियों के क़ब्ज़े से अपने शहर के आज़ाद होने पर इतना ख़ुश हुए कि इराक़ सरकार की ओर से आधिकारिक एलान से पहले ही उन्होंने जश्न मनाना शुरु कर दिया।
शनिवार को इराक़ी फ़ोर्सेज़ द्वारा पुराने मूसिल शहर के अंतिम मोहल्ले में आतंकियों के साथ भीषण झड़प के बाद इस शहर से आतंकियों का पूरी तरह सफ़ाया होते ही, इराक़ी नागरिकों ने जश्न मनाना शुरु कर दिया।
एलान के बाद इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने बताया कि पिछले साल इस शहर को आतंकियों के वजूद से पाक करने के लिए शुरु हुए अभियान के समय से अब तक 14500 आतंकी मारे गए।
इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने 100 दिन के अभियान के दौरान जनवरी में पूर्वी मूसिल को आतंकियों के क़ब्ज़े से आज़ाद कराया था और उसके बाद 19 फ़रवरी को पश्चिमी मूसिल की आज़ादी का अभियान शुरु किया था।
इस बीच इराक़ी सूत्रों के अनुसार, पुराने मूसिल की इमारतों पर इराक़ का झंडा फहरा रहा है।
इराक़ी फ़ोर्सेज़ के जवान लोडर से पुराने मूसिल की सड़कों पर मौजूद मलबे हटा रहे थे। इस रिपोर्ट के अनुसार, मूसिल की तबाह शुदा इमारतों और गलियों में दाइश के छिपे हुए तत्वों को ढूंढने का अभियान जारी है।
उधर एक इराक़ी सूत्र ने नैनवा प्रांत के तलअफ़्र शहर में दाइश के ठिकानों पर कार्यवाही होने की सूचना दी है जिसमें कम से कम 12 दाइशी ढेर हुए।
उधर दजला नदी के किराने पर दाइश के आत्मघाती आतंकी ने उस समय ख़ुद को धमाके से उड़ा लिया जब इराक़ी फ़ोर्सेज़ ने उसे चारों ओर से घेर लिया।
दूसरी ओर दाइश का अबू हफ़्सा नामी सऊदी सरग़ना उस समय मारा गया जब वह पश्चिमी मूसिल से फ़रार करने की कोशिश में था।
बताया जाता है कि अबू अहमद अलइराक़ी नामक दाइश का एक और सरग़ना नैनवा में मारा गया। (MAQ/N)