सीरिया संकट के 40 प्रतिशत शिकार , बच्चे , यूनिसेफ
यूनिसेफ में मध्य पूर्व के क्षेत्रीय प्रभावी " गेर्ट काॅपलेयर" ने सोमवार को कहा है कि सीरिया के संकट से प्रभावित होेने वाले 40 प्रतिशत बच्चे हैं।
" गेर्ट काॅपलेयर" ने इस बात का उल्लेख करते हुए कि तीस लाख बच्चों को बम या बारुदी सुरंग का शिकार होने का खतरा है कहा कि अब तक हज़ारों सीरियाई बच्चे आतंकवादियों द्वारा लगायी गयी बारूदी सुरंगों के फटने के पूरी तरह से अपंग हो चुके हैं।
उन्होंने कहा कि सीरिया में सात वर्षों से जारी संकट की वजह से इस देश के बच्चे कई प्रकार के मानसिक विकारों में भी ग्रस्त हो गये हैं।
याद रहे सीरिया में सक्रिय आतंकवादियों ने, इस देश के विभिन्न नगरों और इलाक़ों पर अपने क़ब्ज़े के दौरान, घरों , बिल्डिंगों, पार्कों, गाड़ियों , मोटर साइकिलों बल्कि बच्चों के खिलौनों तक में बम लगा रखे थे जिससे साबित होता है कि उनके लिए भारी मात्रा में विस्फोट पदार्थ उपलब्ध कराए गये थे।
सीरियाई इलाक़ों की आज़ादी के बाद इस देश की सेना सब से पहले आज़ाद होने वाले इलाक़ों में बारुदी सुरंगों और बमों से साफ करने का प्रयास करती है।
सीरिया में सन 2011 से अमरीका, सऊदी अरब और ब्रिटेन सहित उनके अन्य घटकों के समर्थन से आतंकवादियों ने व्यापक रूप से आंतकवादी हमले आरंभ कर रखे हैं तथा उन्होंने सीरियाई के बहुत से क्षेत्रों पर क़ब्ज़ा कर लिया था किंतु सीरियाई सेना ने 19 नवंबर सन 2017 में प्रतिरोध मोर्चे और रूस की मदद से आतंकवादी संगठन दाइश के अंतिम ठिकाने " बूकमाल" नगर को आजा़द करा लिया जिसके बाद अब सीरिया में सक्रिय अधिकांश आतंकवादी, दैरुज़्जूर और हुम्स प्रान्तों के आस पास मरुस्थलों और जंगलों तक ही सीमित हो गये हैं। (Q.A.)