सऊदी अरब की अतार्किक शर्त यमन शांति वार्ता में रुकावट, यमनी पक्ष
(last modified Wed, 12 Dec 2018 09:39:09 GMT )
Dec १२, २०१८ १५:०९ Asia/Kolkata
  • सऊदी अरब की अतार्किक शर्त यमन शांति वार्ता में रुकावट, यमनी पक्ष

यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन के राजनैतिक कार्यालय के अधिकारी ने कहा है कि स्वीडन में आयोजित यमन शांति वार्ता रियाज़ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से अतार्किक शर्त यह दर्शाती है कि सऊदी अरब यमन के ख़िलाफ़ जंग जारी रखना चाहता है।

अली अलक़हूम ने मंगलवार को समाचार एजेंसी मेहर से बातचीत में रियाज़ के प्रतिनिधिमंडल की अतार्किक शर्त का उल्लेख करते हुए कि जिसके ज़रिए सऊदी गठबंधन उस चीज़ को प्राप्त करना चाहता है जिसे वह अब तक सैन्य मार्ग से हासिल नहीं कर पाया, कहा कि इन शर्तों के ज़रिए सऊदी अरब यमन में अंतरिम सरकार के गठन के मार्ग में रुकावट डाल रहा है। यमन में अंतरिम सरकार के गठन का लक्ष्य इस देश को मौजूदा स्थिति बाहर निकालना है।

अलक़हूम ने सऊदी प्रतिनिधिमंडल की ओर से पश्चिमी यमन के हुदैदा शहर से यमनी फ़ोर्सेज़ के बाहर निकलने की शर्त को, अतार्किक शर्त बताया। उन्होंने कहा कि सनआ के प्रतिनिधिमंडल ने जो मूल प्रस्ताव रखा है वह मौजूदा स्थिति से देश को बाहर निकालने के लिए सभी दलों व वर्ग की सम्मिलिती से अंतरिम सरकार का गठन है और यह प्रस्ताव यमनी जनता के सभी वर्गों की इच्छा पर आधारित है।

अंसारुल्लाह के राजनैतिक कार्यालय के अधिकारी ने स्वीडन में शांति वार्ता के जारी रहने के साथ ही सऊदी गठबंधन के यमन पर जारी हमले को, इस गठबंधन के यमन में जंग की समाप्ति में गंभीर न होने का चिन्ह बताया। उन्होंने कहा कि सऊदी गठबंधन अमरीका के समर्थन से यमन पर अतिक्रमणकारी नीतियों के ज़रिए इस देश की संपत्ति को लूटना चाहता है।

ग़ौरतलब है कि स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 6 दिसंबर को यमन शांति वार्ता 1 हफ़्ते के लिए शुरु हुयी, जिसमें यमनी पक्षों के साथ साथ यमन के मामले में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेष दूत मार्टिन ग्रीफ़िथ्स भी मौजूद थे। (MAQ/N)

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