Apr २४, २०१९ २०:३९ Asia/Kolkata
  • आले सऊद सरकार ने अपने देश के शियों मुसलमानों के ख़िलाफ़ फांसी की सज़ा को राजनीतिक हथकंड़ा बनाया

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने सऊदी अरब में शिया मुसलमानों के जनसंहार की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि आले सऊदी सरकार अपने देश के शिया मुसलमानों के ख़िलाफ़ फांसी की सज़ा को राजनीतिक हथकंड़े के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।

समाचार एजेंसी मेहर की रिपोर्ट के मुताबिक़, विश्व की प्रसिद्ध मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने एक बयान जारी करके सऊदी अरब में मृत्युदंड की बढ़ती सज़ाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने बयान में कहा है कि सऊदी अरब की आले सऊद सरकार अपने विरोधियों, विशेषकर शिया मुसलमानों के खिलाफ़ फांसी की सज़ा को हथकंड़े के तौर पर इस्तेमाल कर रही है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि सऊदी अरब में एक ही दिन में 37 लोगों का सिर क़लम किया जिनमें अधिकतर शिया मुसलमानों का होना यह एक ख़ौफ़नाक और क्रूरतापूर्वण कार्य है।

मानवाधिकार संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि सऊदी अरब में इंसानी एवं मानवीय मूल्यों का कोई महत्व नहीं है। सऊदी अरब अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की खुली धज्जियां उड़ा रहा है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ सहित दुनिया, सऊदी अरब को अमानवीय कृत्यों को करने से रोके और उसको, उसके किए अपराधों की सज़ा दे। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा कि 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को मृत्युदंड नहीं दिया जा सकता, लेकिन सऊदी अरब लगातार 18 वर्ष के कम आयु के बच्चों का सिर क़लम करके उन्हें मौत के घाट उतार रहा है और खुले आम अंतर्राष्ट्रीय क़ानून को ठेंगा दिखा रहा है।

ज्ञात रहे कि सऊदी अरब के गृहमंत्रालय ने एक बयान जारी करके मंगलवार को  बताया था कि आतंकवादी कार्यवाही की कोशिश के आरोपी 37 लोगों को मौत की सज़ा दे दी गई है। मौत की सज़ा पाने वाले 37 लोगों में 34 लोग शिया मुसलमान थे। (RZ)

 

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