इस्राईली लेखक की बड़ी बातः अगर ईरानी वैज्ञानिक की हत्या सही तो फिर बाइडन की भी हत्या सही क्योंकि ... वजह रोचक है!
ईरान के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक हत्या पर इस्राईल में हर स्तर पर व्यापक चर्चा की जा रही है। इस संदर्भ में लंदन से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र रायुलयौम ने इस्राईली मीडिया की एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जो काफी रोचक है।
इस्राईल के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात पर बल दिया है कि ईरान के वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक की हत्या हालांकि इस्राईल के लिए एक बड़ी सफलता है लेकिन इस कार्यवाही से यह बहुत अच्छी तरह से स्पष्ट हो गया कि इस्राईल, अमरीका का सेवक है और हालिया वर्षों में इस्राईल व अमरीका के बीच बढ़ते सुरक्षा सहयोग के बावजूद आज भी इस्राईल अमरीका का घटक नहीं समझा जाता क्योंकि दोनों में अभी बहुत अंतर है जिसका एक सुबूत यह है कि इस्राईल हर साल 3.8 अरब डॉलर की मदद अमरीका से हासिल करता है।
इस्राईली समाचार पत्र हारित्ज़ में इस्राईल के सैन्य मामलों के विशेषज्ञ, आमूस हारईल ने यह बातें कहीं हैं।
हारित्ज़ ने लिखा है कि अमरीका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति की टीम ने ईरानी परमाणु वैज्ञानिक की हत्या पर चुप्पी साधने का फैसला किया है लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि जो बाइडन और उनकी टीम इस कार्यवाही का समर्थन करती है बल्कि वह ईरान के सिलसिले में तेज़ी से हो रहे बदलाव को याद रख रही है ताकि वाइट हाउस में जाने के कुछ ही दिन बाद इस्राईल से हिसाब ले सके।
इसी मध्य इस्राईली मीडिया में ईरानी वैज्ञानिक की हत्या के समय और नेतेन्याहू तथा जो बाइडन के संबंधों पर उसके प्रभाव पर चर्चा जारी है। हारित्ज़ से चर्चा करते हुए इस्राईली टीकाकार, रोगल अलफेर ने कहा कि क्या नेतेन्याहू और उनके समर्थक पत्रकारों और सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार जो बाइडन की हत्या सही है? फर्क क्या है? उन्होंने कहा कि इस्राईल को खत्म करने के लिए परमाणु कार्यक्रम के ज़िम्मेदार ईरानी वैज्ञानिक और नेतेन्याहू के विचार में परमाणु बम बनाने की कोशिश करने वाले ईरान को अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखने की अनुमति देने वाले जो बाइडन में क्या फर्क़ है?
इस इस्राईली विशेषज्ञ ने कहा कि अगर अपनी गतिविधियों की वजह से ईरानी वैज्ञानिक की सज़ा मौत है तो फिर यही तर्क बाइडन के लिए भी दिया जाना चाहिए क्योंकि वह भी इस्राईल के अस्तित्व के लिए खतरा हैं।
इस्राईल के टीकाकार रोगल अलफेर ने हारित्ज़ से बात चीत में कहा कि अगर कोई यह समझता है कि बाइडन की हत्या का विचान पागलपन है तो फिर वह खुद से सवाल करे कि क्यों पागलपन है? काम के लिहाज़ से ईरानी वैज्ञानिक और जो बाइडन में कोई फर्क है? या फिर फर्क़ सिर्फ हालात और दबाव का है?
इसी संबंध में हारित्ज़ समाचार पत्र ने अपने संपादकीय में लिखा है कि अमरीका के हारे हुए राष्ट्रपति ट्रम्प ने वाइट हाउस छोड़ने से पहले ईरानी वैज्ञानिक की हत्या को हरी झंडी दी है ताकि जो बाइडन के लिए ईरान के परमाणु समझौते में वापसी का रास्ता बंद हो जाए। Q.A.
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