अफ़ग़ानिस्तान में तेज़ होती लड़ाई के बीच, अफ़ग़ान सरकार और तालेबान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच दोहा में मुलाक़ात, जोखिम भरी बातचीत
क़तर की राजधानी दोहा में जोखिम भरी बातचीत के लिए अफ़ग़ान सरकार और तालेबान के प्रतिनिधियों के बीच मुलाक़ात हुयी, क्योंकि अफ़ग़ानिस्तान में ज़मीनी स्तर पर हिंस बढ़ गयी है।
दोनों पक्षों के बीच हालिया महीनों में कई बार मुलाक़ात हुयी लेकिन जंग के मैदान में तालेबान के प्रगति हासिल करने से वार्ता की गति टूट गयी क्योंकि तालेबान ने ऐसे समय जंग के मैदान में प्रगति हासिल की है जब विदेशी फ़ौज ने अफ़ग़ानिस्तान से निकलने का फ़ैसला कर लिया है।
दोहा में अफ़ग़ान सरकार के प्रतिनिधिमंडल में, पूर्व चीफ़ एक्ज़ेक्यूटिव अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह सहित कई बड़े अधिकारी शामिल हैं। इस प्रतिनिधिमंडल के दौरे का उद्देश्य गतिरोध का शिकार बातचीत में गति लाने के लिए सरकारी वार्ताकार टीम का समर्थन करना है।
अफ़ग़ान सरकार के प्रतिनिधिमंडल के प्रवक्ता फ़रीदून क्वाज़ून ने अल-जज़ीरा को बतायाः “अब्दुल्लाह अब्दुल्लाह अपने दौरे में तालेबान के प्रतिनिधियों से अहम व निर्णायक मुद्दों पर चर्चा करेंगे।”
उन्होंने कहाः “अफ़ग़ानिस्तान के संकट का हल बातचीत में है और बातचीत के ज़रिए ही शांति हासिल हो सकती है।”
तालेबान के प्रवक्ता मोहम्मद नईम ने कहा है कि उनका ग्रुप बारंबार बातचीत और वार्ता के लिए अपनी तैयारी दिखा चुका है और मुश्किलों का हल सिर्फ़ बातचीत से हो सकता है।
कोई ख़ास प्रगति नहीं
अल-जज़ीरा के पत्रकार ओसामा बिन जावेद ने दोहा में वार्ता स्थल से कहा कि मौजूदा वार्ता का लक्ष्य दोनों पक्षों को एक प्लेटफ़ार्म पर लाना है।
उन्होंने कहाः “दोनों पक्ष कह रहे हैं कि बातचीत ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है और उनका मानना है कि शांतिपूर्ण अफ़ग़ानिस्तान का हल सिर्फ़ बातचीत की मेज़ से ही निकलेगा, लेकिन ज़मीनी स्तर की सच्चाई कुछ और बयां करती है।” (MAQ/N)
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