Oct ०१, २०२१ १५:१२ Asia/Kolkata

अफ़ग़ानिस्तान का स्वास्थ्य और चिकित्सा विभाग कठिन हालात से गुज़र रहा है।

यह काबुल का अस्पताल है, यह अफ़ग़ानिस्तान में बच्चों का एकमात्र विशेष अस्पताल है, इस अस्पताल में अपनी क्षमता से दो गुना मरीज़ भर्ती हैं, जबकि कुछ बेड पर तो तीन तीन मरीज़ों को देखा जा सकता है जब मैने वहां के एक डाक्टर से पूछा कि यह बच्चों का स्पेशल अस्पताल है तो उन्होंने कहा, जी हां, मैंने पूछा कि हालात तो बहुत ही ख़राब नज़र आ रहे हैं तो उन्होंने कहा कि जिन संसाधनों और उपकरणों की ज़रूरत है वह नहीं हैं।

 काबुल पर तालेबान के नियंत्रण के बाद अफ़ग़ानिस्तान के लिए विश्व समुदाय की रोकी जाने वाली मूदद का प्रभाव विशेषकर स्वास्थ्य विभाग पूर पूरी तरह से देखा जा सकता है, एक अन्य डाक्टर का कहना है कि हमारी समस्याएं अनुमान से ज़्यादा हैं। यह अस्पताल सरकारी है लेकिन इसका ख़र्चा अफ़ग़ान नागरिकों के लिए बहुत ही ज़्यादा है।

शफ़ीउल्लाह नगरपालिका के कर्मचारी हैं और उन्हें कई महीने से वेतन नहीं मिला है, उनके पास अपनी संतान के इलाज का पैसा तक नहीं है। उनका कहना है कि दवा, मेडिकल स्टोर से ख़रीदते हैं, पैसे नहीं हैं, बहुत ज़्यादा परेशानी है, मैंने अपना मोबाइल मेडिकल स्टोर पर गिरवी रख दिया है। यह मां भी मज़ार शरीफ़ से आई है, इस अस्पताल का कोई भी विभाग इनके बच्चे को भर्ती नहीं कर रहा है।

उनका कहना था कि मैं मज़ार शरीफ़ से बच्चे के इलाज के लिए आई हूं। अफ़ग़ान जनता की आर्थिक कमज़ोरी को इस अस्पताल के दूसरे विभागों में भी आसानी से देखा जा सकता है। एक महिला डाक्टर का कहना है कि लगभग दो महीने से इस बच्चे को हम केवल पानी ही दे रहे हैं। इस अस्पताल के प्रमुख के बयान से पता चलता है कि दूसरे शहरों के अस्पताल भी धीरे धीरे बंद हो रहे हैं।

उनका कहना है कि शहरों और क़स्बों में स्वास्थ्य केन्द्र धीरे धीरे बंद हो रहे हैं क्योंकि उनके इस अस्पताल से कांट्रेक्ट थे और विश्व बैंक की ओर से मदद न आने की वजह से अस्पताल उनको पैसे अदा नहीं कर पा रहा है जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग चरमरा गया है। तालेबान ने भी विश्व समुदाय से मांग की है कि वह मानवता प्रेमी मामलों को राजनैतिक मामलों से न जोड़ें, बहुत से टीकाकारों का यह कहना है कि अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य विभाग के बिखराव की घंटी बज गयी है, हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सचेत किया था कि अगर विश्व समुदाय की ओर से अफ़ग़ानिस्तान के स्वास्थ्य विभाग की मदद जारी नही रहती है तो संभव है कि 90 प्रतिशत यह केन्द्र बंद हो जाएं।

 

हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए क्लिक कीजिए

हमारा टेलीग्राम चैनल ज्वाइन कीजिए

हमारा यूट्यूब चैनल सब्सक्राइब कीजिए!

ट्वीटर  पर हमें फ़ालो कीजिए

 

टैग्स