9/11 की घटना के 21 साल बाद मुख्य साज़िशकर्ता का पता नहीं! आख़िर अमेरिका क्या छिपा रहा है? पीड़ितों को झूठी तसल्ली नहीं इंसाफ़ चाहिए
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को देशवासियों के साथ मिलकर 21 साल पहले 11 सितंबर को हुए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। बाइडन ने पेंटागन स्मारक से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा, “मुझे आशा है कि हम यह याद रखेंगे कि उन काले दिनों के बीच हमने एक-दूसरे के दुख साझा किए, एक-दूसरे की परवाह की और एकजुट हुए।”
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, 11 सितंबर की घटना को 21 साल का लंबा समय बीत रहा है। लेकिन अभी तक इस आतंकवादी हमले के मुख्य योजनाकारों और साज़िशकर्ताओं के नाम को दुनिया के सामने अमेरिका ने नहीं पेश किया है। यह उसकी मजबूरी है या फिर कोई ऐसी बात कि जिसे अमेरिका छिपाना चाह रहा है। वहीं अब केवल हर साल 11 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति और इस देश के अन्य अधिकारी प्रतिकात्मक रूप से कुछ संदेश देते हैं और फिर पूरे साल इस आतंकवादी घटना के बारे में कोई बात नहीं होती है। इस साल भी ऐसा ही हुआ जहां राष्ट्रपति बाइडन ने पीड़ितों को श्रद्धांजिल दी वहीं अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और उनके पति डगलस एमहॉफ ने भी न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के स्थान पर बने स्मारक पर जाकर हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन ने पेनसिल्वेनिया में विमान दुर्घटनास्थल पर जाकर हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी।
बाइडन ने रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन और अमेरिकी सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष मार्क मिले के साथ पेंटागन स्मारक पर जाकर हमले के पीड़ितों को पुष्पांजलि अर्पित की। अमेरिकी राष्ट्रपति ने वर्जीनिया के अर्लिंग्टन में नेशनल 9/11 पेंटागन मेमोरियल में कहा, “मैं उन सभी लोगों के दुख को महसूस कर सकता हूं, जिन्होंने अपने परिवार के किसी सदस्य को इस हमले में खो दिया, 21 साल बहुत लंबा समय होता है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमारी ज़िम्मेदारी और कर्तव्य है कि हम अपने लोकतंत्र की रक्षा, सरंक्षण और सुरक्षा करें. लोकतंत्र ने जो हमें स्वतंत्रता दी है, उसे वे आतंकवादी 11 सितंबर के हमले की आग, धुएं और राख में दबाना चाहते थे।'' बाइडन और उनके अन्य सहयोगियों के श्रद्धांजलि संदेश के बाद सोशल मीडिया पर आम लोगों की प्रतिक्रियाओं की बाढ आ गई है। आम लोगों का कहना है कि ख़ुद को सुपर पॉवर कहने वाला अमेरिका आज 21 वर्षों से 11 सितंबर के मुख्य साज़िशकर्ताओं के नामों को दुनिया के सामने नहीं ला सका है। आख़िर ऐसी क्या मजबूरी है कि वह पीड़ितों को तसल्ली के अलावा इंसाफ़ नहीं दे पा रहा है।
ग़ौरतलब है कि अमेरिकी अधिकारियों द्वारा किए जाने वाले दावे के अनुसार तकफ़ीरी आतंकवादी गुट अलक़ाएदा के आतंकियों ने 21 साल पहले अपहृत विमानों के ज़रिये न्यूयॉर्क में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, पेंटागन और पेनसिल्वेनिया में हमले किए थे, जिनमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद अमेरिका ने दुनियाभर में आतंकवाद के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ दिया था और राष्ट्रीय सुरक्षा नीति को नए सिरे से तैयार किया था। लेकिन आज तक अमेरिका इन साज़िशों के पीछे की सही वजह और मुख्य साज़िशकर्ताओं के नामों को दुनिया के समने पेश नहीं कर सका है। (RZ)
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