Oct २६, २०२२ १८:१७ Asia/Kolkata
  • हज़रत इमाम हुसैन (अ) ने ज़ुल्म करने वालों के आगे न झुकना सिखाया है: इमरान ख़ान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने कहा है कि हमने हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम से डर की मूर्त को ध्वस्त करने का सबक़ सीखा है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीके इंसाफ़ पार्टी के प्रमुख इमरान ख़ान ने बुधवार की सुबह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर में छात्रों के एक सम्मेलान को संबोधित करते हुए कहा कि हज़रत इमाम हुसैन (अ) यज़ीद के ज़ुल्म के ख़िलाफ़ खड़े हुए थे। वहीं कुफ़ा के लोग जानते थे कि हज़रत इमाम हुसैन (अ) सच पर हैं, लेकिन यज़ीद के उत्पीड़न और भय के कारण, उन्होंने हज़रत इमाम हुसैन (अ) का साथ नहीं दिया, जिसकी वजह से वह हमेशा पछताए और ज़ुल्म की चक्की में पिस्ते रहे। इमरान ख़ान ने कहा कि हमे हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की तरह अत्याचार और डर की मूर्त को ध्वस्त करना है और अगर हमने यह काम किया तो हम अमेरिका की ग़ुलामी से आज़ाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि वास्तविक आज़ादी के इस आंदोलन में आप सबको शामिल होना है।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान

उल्लेखनीय है कि कुछ दिनों में पहले इमरान ख़ान ने शेख़पूरा में एक विशाल जनसंभा को संबोधित करते हुए कहा था कि हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने फ़रमाया था कि कोई भी शासन कुफ़्र से बाक़ी रह सकत है लेकिन कभी भी ज़ुल्म के सहारे नहीं टिक सकता। उन्होंने कहा कि हम अत्याचार और अमेरिकी हस्तक्षेप के ख़िलाफ़ संघर्ष कर रहे हैं और हम अमेरिका की ग़ुलामी और उसके ग़ुलामों के ख़िलाफ़ हैं। इमरान ख़ान ने कहा कि अमेरिका कौन होता है कि जो हमे आदेश दे, हम उसके ग़ुलाम नहीं हैं जो उसके आदेशों का पालन करें। उन्होंने कहा कि अमेरिका को भी यह जान लेना चाहिए कि पाकिस्तान बदल चुका है, पाकिस्तान की जनता अमेरिका की ग़ुलाम नहीं है, बल्कि हम केवल और केवल अपने देश और जनता के हितों को मद्देनज़र रखेंगे। (RZ)

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