Dec ०६, २०२२ १३:५० Asia/Kolkata
  • अमेरिका परमाणु समझौते में वापस आना चाहता है, लेकिन क्यों कर रहा है देर, रूसी अधिकारी ने बताई वजह

रूस ने उम्मीद जतायी है कि अमेरिका संयुक्त व्यापक कार्य योजना ( जेसीपीओए) को पुनर्जीवित करने और पिछली ग़लतियों को ठीक करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को और अधिक प्रदर्शित कर सकता है।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, रूस राजनयिक स्रोत के एक उच्च अधिकारी ने रविवार को यह जानकारी दी है कि अमेरिका परमाणु समझौते में वापस आने के लिए रास्ते तलाश रहा है। इस बीच ईरान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रॉबर्ट माली ने एक बार फिर ईरान पर झूठे आरोप लगाते हुए कहा कि परमाणु समझौते पर बातचीत अमेरिका की प्राथमिकता नहीं है, बल्कि अमेरिका ईरान की तरफ़ से रूस को बड़े पैमाने पर किए जा रहे हथियारों के निर्यात और ईरान के लोगों के मूलभूत अधिकारों पर अपना ध्यान केंद्रित करेगा। वहीं रूसी सूत्रों का कहना है कि अमेरिकी सहयोगियों में इस मामले पर एक समझौते पर पहुंचने के लिए अंतिम क़दम उठाने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है। लेकिन हमें उम्मीद है कि वे परमाणु समझौते के पुनरुद्धार का पालन करेंगे।

उल्लेखनीय है कि परमाणु समझौता 2015 में चीन, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका के साथ-साथ यूरोपीय संघ के साथ अंजाम पाया था। लेकिन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प 2018 में ईरान के साथ परमाणु डील को एकतरफ़ा और ग़ैर क़ानूनी रूप से निकल गए थे और ईरान पर प्रतिबंधों को फिर से लागू कर दिया था।  सूत्रों का कहना है कि विदेशों में समय-समय पर ऐसे बयान दिए जा रहे हैं जो अमेरिका को जेसीपीओए में वापस लाने के अपने वादों के प्रति वर्तमान अमेरिकी प्रशासन की प्रतिबद्धता पर संदेह पैदा करते हैं। उन्होंने कहा कि अमेरिका को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 2231 का पालन और जेसीपीओए का समर्थन करना चाहिए और संकल्प के अपने स्वयं के उल्लंघन को ठीक करना चाहिए। (RZ)

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