पवित्र क़ुरआन के अनादर पर पश्चिम से तुर्की हुआ नाराज़
पवित्र क़ुरआन के अनादर पर पश्चिम की चुप्पी की तुर्की ने आलोचना की है।
पश्चिम में मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ क़ुरआन के अनादर पर यूरोपियन के मौन की तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कड़े शब्दों में निंदा की है।
शनिवार को तुर्की के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में यूरोपीय देशों की ओर से पवित्र क़ुरआन के अनादर पर मौन धारण किये जाने की भर्त्सना की गई है। इस बयान में पुलिस की सुरक्षा में हालैण्ड और डेनमार्क में पवित्र क़ुरआन के अनादर पर खामोश रहने को निंदनीय बताया गया है।
तुर्की के इस बयान के अनुसार पहले स्वीडेन में और उसके बाद डेनमार्क में इस्लाम विरोधियों की ओर से पवित्र क़ुरआन का अनादर, उनकी इस्लामी विरोधी विचारधारा को बताते हैं। तुर्की ने इस्लाम विरोधियों द्वारा इस्लाम, क़ुरआन और करोड़ों मुसलमानों के अपमान को सुनियोजित कार्यवाही बताया और कहा कि यह काम सौहार्दपूर्ण ढंग से जीवन गुज़ारने में बाधाएं डालेगा।
याद रहे कि अतिवादियों ने एक सप्ताह के भीतर पश्चिम में तीन बार पवित्र क़ुरआन का अनादर किया है। यह काम पश्चिमी देशों की खामोशी और उनके सहयोग से अंजाम पा रहा है। हालांकि यूरोप में इस्लाम और मुसलमानों का अनादर कोई नई बात नही है किंतु एक सप्ताह के भीतर तीन यूरोपीय देशों में थोड़े-थोड़े अंतराल के साथ यह काम, इंसान को सोचने पर मजबूर करता है।
पवित्र क़ुरआन के अनादर को लेकर हालिया दिनों में बहुत से इस्लामी देशों में विरोध प्रदर्शन किये जा रहे हैं। इन दिनों के दौरान ईरान, तुर्की, जार्डन, इराक़, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, यमन, नाईजीरिया, बहरैन तथा कई अन्य देशों में विरोध प्रदर्शन किये गए।
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