अमरीका को चॉम्स्की की चेतावनी
प्रसिद्ध अमरीकी विचारक नोम चॉम्स्की ने चेतावनी दी है कि अगर यूरोप संयुक्त राज्य अमरीका के दबाव में रहेगा, तो उसे पिछड़ने और औद्योगीकरण से हाथ धोने का अनुभव करना पड़ेगा।
बुधवार को प्रकाशित एक साक्षात्कार में, चॉम्स्की ने कहा: यूरोप को एक बड़ा निर्णय लेना है: क्या वह अमरीका के वर्चस्व वाली प्रणाली में रहेगा और शायद पिछड़ने का अनुभाव करेगा या यह अपने पूर्वी प्राकृतिक आर्थिक साझेदार के साथ जुड़ जेड़ेगा, जिसके पास यूरोप के लिए आवश्यक खनिज संसाधन हैं और आकर्षक चीनी बाज़ार का प्रवेश द्वार है।
अमरीका के वर्चस्व वाले यूरोप के भविष्य के बारे में इस प्रसिद्ध अमरीकी विचारक की चेतावनी ट्रान्स एटलांटिक संबंधों के बारे में मौजूदा रुझानों के संबंध में हैं। जनवरी 2021 के अंत में नए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार ग्रहण करने के बाद, उन्होंने ट्रान्सा एटलांटिक अभिसरण को पुनर्जीवित करने के लिए व्यापक प्रयास किए, ताकि एक बार फिर यूरोप अमरीका की गिरफ़्त में होकि एक बार फिर यूरोप अमेन्सााजा और वाशिंगटन यूरोप को एक उपकरण के रूप में उपयोग कर सके। इसका असर कुछ राजनीतिक और सुरक्षा क्षेत्रों में देखा जा सकता है, जैसे कि अमरीका और यूरोपीय संघ का यूक्रेन युद्ध के प्रति एकजुट रुख़, रूस के ख़िलाफ़ एकपक्षीय प्रतिबंध, परमाणु समझौते का मुद्दा और ईरान के ख़िलाफ़ शत्रुतापूर्ण व्यवहार। चॉम्स्की इस बारे में कहते हैं: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने यूरोप को अपने पक्ष में करने के लिए अमरीका के लिए बेहतरीन अवसर प्रदान कर दिया, जिससे उसे एकध्रुवीय व्यवस्था को मज़बूत बनाने का मौक़ा मिल गया।
जो बाइडन के राष्ट्रपतिकाल के दौरान यूरोप को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल करने और लंबी अवधि में अपनी शक्ति और हितों को कमज़ोर करने पर आधारित वाशिंगटन के प्रयासों ने कुछ यूरोपीय नेताओं को विरोध के लिए उकसाया है। इस संबंध में हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओर्बन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूक्रेन युद्ध के बीच जो बाइडन की सरकार की नीतियां यूरोप के पतन का प्रमुख कारक बन गई हैं। ओर्बन ने यूक्रेन युद्ध-समर्थक गठबंधन के मुख्य तत्वों को अंतर्राष्ट्रीय युद्ध-समर्थक हित समूह बताया, जिसमें बाइडन प्रशासन, ब्रसेल्स में युद्ध-समर्थक नौकरशाह और युद्ध-समर्थक राजनेता शामिल हैं। राजनीतिक विश्लेषक एलिजाह मैग्नियर इस संदर्भ में कहते हैं: यूरोप की मुख्य शक्ति जर्मनी और फ्रांस थे, वाशिंगटन ने दोनों के बीच मतभेदों को बढ़ावा देने का प्रयास किया है, और एक कमज़ोर यूरोप बनाने में निवेश किया है।
अमेरिका के दीर्घकालिक लक्ष्यों के बारे में जागरूकता के कारण, रूस ने बार-बार यूरोपीय लोगों को वाशिंगटन पर निर्भर रहने और उसका अनुसरण करने के बारे में चेतावनी दी है। इस संबंध में नवीनतम चेतावनी में, संयुक्त राष्ट्र में रूस के प्रतिनिधि वैसिली नेबेंजिया ने अपने भाषण में इस बात पर ज़ोर दिया कि एक साल बाद यूरोपीय संघ ने रूस के साथ अपने संबंधों को पूरी तरह से तोड़ दिया है, इसकी आर्थिक वृद्धि लगभग शून्य हो गई है, और साथ ही, इस संघ के देशों में एक अभूतपूर्व दो अंकों की मुद्रास्फ़ीति दर है।