यूरोपीय अधिकारियों का अमरीका का अंधा अनुसरण पुतिन की ज़बानी
(last modified Mon, 17 Jul 2023 08:52:37 GMT )
Jul १७, २०२३ १४:२२ Asia/Kolkata
  • यूरोपीय अधिकारियों का अमरीका का अंधा अनुसरण पुतिन की ज़बानी

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूरोपीय देशों द्वारा अमरीका के अंधे अनुसरण की कड़ी आलोचना की है।

पुतिन का कहना था कि अगर अमरीकी, यूरोपीय अधिकारियों से कहें कि कल हमने आप सभी को फांसी देने का फ़ैसला किया है, तो वे अपना सिर झुका लेंगे और केवल एक सवाल पूछकर अपना साहस दिखाने की कोशिश करेंगेः क्या हमें राष्ट्रीय उत्पादन की रस्सियों से फांसी दी जाएगी। रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा: लेकिन मेरा मानना है कि वे असफल होंगे और निराश भी होंगे, क्योंकि अमरीकी अपने देश में उत्पादित रस्सियों का उपयोग करने पर ज़ोर देंगे।

अमरीका के लिए यूरोपीय देशों और अधिकारियों की बिना शर्त आज्ञाकारिता के संबंध में पुतिन का कड़ा रुख़, अटलांटिक महासागर के बीच द्विपक्षीय संबंधों में हालिया रुझानों और घटनाक्रमों की एक झलक है। जनवरी 2021 में नए अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडन के पदभार संभालने के बाद, उन्होंने ट्रान्साटलांटिक अभिसरण को पुनर्जीवित करने के लिए एक व्यापक प्रयास किया, ताकि यूरोप आगे भी अमरीका के अधीन रहे और वाशिंगटन अपने हितों को साधने के लिए यूरोपीय लोगों को एक उपकरण के रूप में इस्तेमाल कर सके।

यूरोप द्वारा अमरीका के अंधे अनुसरण को राजनीतिक और सुरक्षा क्षेत्रों में आसानी से देखा जा सकता है, जैसे कि यूक्रेन युद्ध में यूरोप की भूमिका और रूस के ख़िलाफ़ एकपक्षीय प्रतिबंधों लागू करने में वाशिंगटन का समर्थन। इसी तरह से यूरोप चाहने के बावजूद ईरान परमाणु समझौते नहीं बचा सका और उसे अमरीका की ज़िद के सामने झुकना पड़ा।

इस संदर्भ में प्रसिद्ध अमरीकी विचारक नोआम चॉम्स्की कहते हैं: यूक्रेन पर रूस के आक्रमण ने अमरीका के लिए यूरोप को अपने सामने झुकाने और एकध्रुवीय व्यवस्था बनाए रखने के लिए एक अच्छा अवसर प्रदान किया है।

दावों से इतर वाशिंगटन ने अपने सहयोगियों के हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया है और वह उन्हें केवल एक उपकरण के रूप में उपयोग कर रहा है। इसका प्रतीक बाइडन शासन की महत्वाकांक्षी आर्थिक योजनाएं हैं, जो यूरोपीय लोगों के लिए हानिकारक है। आर्थिक और जलवायु क्षेत्रों में बाइडन शासन के उपाय और कार्य, जैसे मुद्रास्फीति नवीनीकरण अधिनियम, जिसके तहत बड़ी अमरीकी कंपनियों पर कर कम किया जाता है और साथ ही विदेशी कंपनियों और उत्पादों पर कर लगाया जाता है, व्यावहारिक रूप से यूरोपीय अर्थव्यवस्था के लिए प्रतिकूल स्थिति उत्पन्न करता है। इससे पता चलता है कि वाशिंगटन ने वादों और नारों के इतर, अपने सहयोगियों के हितों पर कोई ध्यान नहीं दिया है और वह उन्हें केवल एक उपकरण के रूप में उपयोग कर रहा है।

 

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