यूक्रेन के साथ अमेरिका और यूरोपीय देशों ने किया बड़ा खेल! पोल खुलने पर कीएफ़ के उड़े होश
यूक्रेन के ख़िलाफ़ रूस द्वारा आरंभ किए गए विशेष सैन्य अभियान को अब लंबा समय बीत गया है। दोनों देशों के बीच शुरू छिड़े युद्ध में अमेरिका और पश्चिमी देशों की सबसे अहम भूमिका रही है। वहीं इन देशों ने यूक्रेन को जंग की झोंकने के लिए अरबों डॉलर के हथियार भी दिए हैं। लेकिन जैसे-जैसे अमेरिका और यूरोपीय देशों की साज़िशों से पर्दा उठता जा रहा है यूक्रेन की चिंता बढ़ती जा रही है।
प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, संयुक्त राज्य अमेरिका और पश्चिमी देश विभिन्न बहानों से यूक्रेन में युद्ध को लंबा खींचना चाहते हैं। अमेरिका की बदनाम ज़माना ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए के पूर्व सलाहकार जिम रिकार्ड्स ने एक साक्षात्कार में कहा है कि यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका ने यूक्रेन को जो सैन्य हथियार भेजे हैं, वे युद्ध के मैदान पर उम्मीद के मुताबिक़ प्रभावी नहीं रहे हैं और इन हथियारों ने यूक्रेन के सैनिकों को रूस के प्रति अधिक असुरक्षित बना दिया है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि यूक्रेन द्वारा लगातार किए जाने वाले हमलों के बावजूद अभी तक वह अपने किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने में कामयाब नहीं हो सका है। वहीं सूत्रों के हवाले से यह भी ख़बर सामने आ रही है कि हाल ही में अमेरिका और यूरोपीय देशों द्वारा यूक्रेन को दिए गए हथियारों को लेकर इस देश के सैन्य विशेषज्ञों ने नाराज़गी जताई है। उनके कहना है कि जिस प्रकार के हथियारों को दिए जाने का वादा था उसके बिल्कुल विपरीत हथियार हमे मिल रहे है, यह हमारे साथ धोखा है।
ग़ौरतलब है कि इस तरह की रिपोर्टें ऐसे समय में सामने आ रही हैं कि जब रूस, यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों की आपूर्ति को लेकर पहले नाटो सदस्य देशों को चेतावनी दे चुका है। साथ ही मास्को द्वारा लिखे गए एक पत्र में कहा गया था कि यूक्रेन को अमेरिका और पश्चिमी देशों द्वारा की जाने वाली हथियारों की आपूर्ति से युद्ध लंबा खिंच गया है। साथ ही रूस ने यह भी चेतावनी दी है कि अमेरिका और पश्चिम द्वारा यूक्रेन को हथियारों की निरंतर आपूर्ति और समर्थन के परिणामस्वरूप युद्ध ख़तरनाक और विनाशकारी मोड़ ले सकता है। (RZ)
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