हमे अभी और हथियारों की है ज़रूरतः ज़ेलेस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पश्चिम की ओर से की जाने वाली सहायता में कमी की शिकायत की है।
ज़ेलेंस्की का कहना है कि इससे उनके देश पर हमले का ख़तरा बढ़ जाएगा। उनका कहना है कि पश्चिमी देशों की ओर से यूक्रेन के लिए जो हथियार भेजे जा रहे हैं उनमें कमी आने से युद्ध में यूक्रेन की स्थति कमज़ोर हो जाएगी।
विलोदिमीर ज़ेलेंस्की ने यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय की वेबसाइट पर लिखा है कि प्रतिबंध लगाने और हथियार भेजने की प्रक्रियाएं बहुत सुस्त हो चुकी हैं। उन्होंने रूस का मुक़ाबला करने के लिए अधिक संख्या में सशक्त हथियारों की मांग की है। पश्चिम की ओर से हथियार भेजने की प्रक्रिया में कमी पर आधारित ज़ेलेंस्की के बयान का यह भी अर्थ हो सकता है कि अमरीका को छोड़कर पश्चिमी ब्लाक के देश, पहले की तरह यूक्रेन के लिए हथियार भेजने के पक्ष में नहीं हैं।
इसका एक कारण यह है कि यह काम उनके बजट को प्रभावित कर रहा है और दूसरे, अधिक हथियार भेजने से स्वयं इन देशों के पास हथियारों की कमी हो जाएगी। अबतक पश्चिमी देश यूक्रेन को 100 अरब डालर से अधिक से हथियार और सैन्य उपकरण भेज चुके हैं। यह विषय यूरोपीय देशों में युद्ध विरोधियों की ओर से प्रदर्शन का कारण बना है जिससे सरकारों पर दबाव बनता है। इसी के साथ यूरोपीय देशों को रूस से ऊर्जा की ज़रूरत है।
अब जबकि रूस पर लगे पश्चिम के प्रतिबंध कमज़ोर होते जा रहे हैं तो एसे में यह देश विभिन्न ढंग से इन प्रतिबंधों को अनदेखा कर रहे हैं। यूक्रेन के रूस के विरुद्ध सैन्य कार्यवाही, पश्चिम से भारी मात्रा में हथियार हासिल करने के बाद ही की थी उसके बावजूद कीव को रूस के मुक़ाबले में कोई उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल नहीं हो पाई है। इसी के साथ युद्ध के दौरान पश्चिम ने यूक्रेन को जो हथियार दिये थे उनमें से बहुत से नष्ट हो गए जिसके कारण अब सवाल उठने लगे हैं। हालांकि पश्चिम से अलग अमरीका अब भी यूक्रेन के लिए हथियारों की आपूर्ति में लगा हुआ है। इस हिसाब से हथियार भेजने में वह यूक्रेन का सबसे घनिष्ठ सहयोगी है। अब वाशिग्टन की ओर से यूक्रेन के लिए 300 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले मिसाइल भेजे जाने के बारे में वार्ता चल रही है। यह विषय यूक्रेन युद्ध को जारी रखने के अमरीकी इरादे को स्पष्ट करता है।
इसी बीच बाइडेन प्रशासन यह दर्शाने में लगा हुआ है कि रूस, इस रक्तरंजित युद्ध को समाप्त करना नहीं चाहता है। इसी संदर्भ में राष्ट्रसंघ में अमरीका के प्रतिनिधि ने कहा है कि रूस ने यूक्रेन युद्ध से पीछे हटने के बारे में अभी तक सदभावना का प्रदर्शन नहीं किया है। एसे में यह कहा जा सकता है कि निकट भविष्य में यूक्रेन संकट के समाप्त होने की कोई संभावना नहीं पाई जाती। एसे में पश्चिम की ओर से हथियारों की सहायता जहां युद्ध के बढ़ने के कारण बनेगी वहीं पर दोनों ओर से हज़ारों निर्दोषों की मौत की वजह भी बनेगी।
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