Jan १५, २०२४ ११:०९ Asia/Kolkata

दक्षिण अफ़्रीका की जनता ने अपने देश की सरकार द्वारा अतिग्रहणकारी व दमनकारी ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में मामला दायर करने के समर्थन में प्रदर्शन किया।

दक्षिण अफ़्रीका की सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ मुक़दमा दायर किया है और इस्राईल पर फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ अमानवीय अपराध और उनके नरसंहार का आरोप लगाया है। सरकार की ओर से महाभियोग के समर्थन में प्रदर्शन यह हुए। ये प्रदर्शन केप टाउन और जोहान्सबर्ग में हुए।

दक्षिण अफ़्रीका के स्वास्थ्य क्षेत्र के कार्यकर्ताओं ने भी इस्राईल विरोधी विरोध प्रदर्शन में ग़ज़्ज़ा की मज़लूम जनता के लिए एक एम्बुलेंस ख़रीदने के लिए पैसे जमा करने की पहल की।

दक्षिण अफ्रीका की सरकार ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों की सामूहिक हत्या और नरसंहार और नागरिकों के खिलाफ युद्ध अपराध के लिए इस्राईल के दमनकारी और नस्लभेदी शासन को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय तक खींच कर लाई है।

उधर वियना के अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में दक्षिण अफ़्रीका के प्रतिनिधि रापोलन सिडनी मोलकन ने कहा है कि ग़ज़्ज़ा के आम नागरिकों के विरुद्ध इस्राईल की कार्रवाई पूरी तरह से नरसंहार का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि पिछले साल 7 अक्टूबर को फ़िलिस्तीन के इस्लामी प्रतिरोध आंदोलन हमास द्वारा ज़ायोनी अपराधों के ख़िलाफ़ तूफ़ान अल-अक्सा ऑपरेशन की शुरुआत के जवाब में ज़ायोनी शासन द्वारा युद्ध की घोषणा और युद्ध अपराध करने के बाद, दक्षिण अफ्रीका ने हेग के अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय सहित अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में ज़ोर देकर कहा कि फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ इस्रईल का व्यवहार नस्लभेदी और उनके नरसंहार के समान है।

उन्होंने कहा कि युद्ध की शुरुआत के बाद से, हम विभिन्न आवासीय क्षेत्रों पर ज़ायोनी शासन के युद्धक विमानों द्वारा ग़ज्ज़ा में प्रमुख प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हुए देख रहे हैं, ज़ायोनी शासन ने अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों, स्कूलों और शरणार्थी शिविरों को निशाना बनाने जैसे किसी भी कदम से परहेज नहीं किया है जबकि इन उपायों को रक्षात्मक नहीं बल्कि फ़िलिस्तीनियों का नरसंहार माना जाता है।

मोल्कन का बयान तब आया है जब दक्षिण अफ्रीका के कानून मंत्री ने भी कहा है कि ग़ज़्ज़ा में फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार पर दक्षिण अफ्रीका द्वारा दायर मुक़द्दमे के जवाब में ज़ायोनी शासन कुछ भी करने में असमर्थ रही है। दक्षिण अफ़्रीका के क़ानून मंत्री का यह बयान ऐसे समय में सामने आया है जब हेग स्थित अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ दायर मामले की दूसरी सुनवाई में ज़ायोनी शासन के प्रतिनिधि उपस्थित हुए और उसने दक्षिण अफ्रीका द्वारा दर्ज शिकायत पर अपने तर्क पेश किए।

दक्षिण अफ़्रीका ने कई हफ़्ते पहले ग़ज़्ज़ा युद्ध में ज़ायोनी शासन द्वारा फ़िलिस्तीनियों के नरसंहार के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई है। मामले की पहली सुनवाई पिछले गुरुवार को और दूसरी सुनवाई शुक्रवार को हुई।

अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में दक्षिण अफ्रीका के प्रतिनिधि ने इस बात पर जोर दिया है कि दमनकारी ज़ायोनी शासन ग़ज़्ज़ा में मज़लूम फिलिस्तीनी जनता के खिलाफ नस्लभेदी नीतियां अपना रहा है। ज़ायोनी शासन के प्रतिनिधि द्वारा अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में सफ़ाई पेश करने के बाद दक्षिण अफ़्रीका के क़ानून मंत्री ने एक बयान में कहा है कि ज़ायोनी शासन को अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में अपमान और बेइज़्ज़ती के साथ बुरी तरह पराजय का सामना है। (AK)

 

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