एक दिन में सऊदी अरब को दो तगड़े झटके!
अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ ने एक ही दिन में सऊदी अरब को दो तगड़े झटके दिए हैं।
पहला झटका अमरीका ने सऊदी अरब को दिया है और घोषणा की है कि वह न केवल यह कि यमन के अंसारुल्लाह संगठन को आतंकी संगठन नहीं मानता बल्कि उसे यमन संकट की समाप्ति के कुवैत में जारी राजनैतिक वार्ता के एक पक्ष के रूप में मान्यता देता है। रशिया टूडे की रिपोर्ट के अनुसार अनेक टीकाकारों का कहना है कि वाॅशिंग्टन का यह रुख़, जो बिना किसी उल्लेखनीय घटना के सामने आया है, सऊदी अरब के लिए एक बड़ा झटका है जो अब भी यमन के भगोड़े राष्ट्रपति मंसूर हादी की सरकार का समर्थन कर रहा है। वाॅशिंग्टन ने इससे पहले यमन के अलबैज़ा प्रांत में अंसारुल्लाह संगठन के ख़िलाफ़ लड़ने वाले मंसूर हादी के समर्थक क़बीले और उसके सरदार को आतंकियों के समर्थकों की सूचि में शामिल किया था।
दूसरी ओर संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव ने सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठजोड़ का नाम, बच्चों के अधिकारों का हनन करने वाले गुटों की काली सूचि में शामिल करने का फ़ैसला करके सऊदी अरब को दूसरा तगड़ा झटका दिया है। यमन के युद्ध में मारे जाने वाले बच्चों में से 70 प्रतिशत की हत्या के लिए सऊदी अरब के नेतृत्व वाले गठजोड़ को दोषी मानते हुए बान की मून ने इस गठजोड़ का नाम बाल अधिकारों के हनन कर्ता गुटों की ब्लैक लिस्ट में शामिल करने का फ़ैसला किया है। एमनेस्टी इंटरनैश्नल जैसे मानवाधिकार संगठन सदैव ही सऊदी अरब पर यमन में क्लस्टर बमों के प्रयोग और अस्पतालों और उपचारिक केंद्रों को निशाना बनाने का आरोप लगाते रहे हैं। (HN)