Sep १६, २०२४ १९:५४ Asia/Kolkata
  • क्या अमेरिका की नैटो नीतियों की वजह से पूर्वी यूरोप रूस का मैदाने जंग बन जाएगा?
    क्या अमेरिका की नैटो नीतियों की वजह से पूर्वी यूरोप रूस का मैदाने जंग बन जाएगा?

पार्सटुडे- अपनी मौत से पहले, केसेंजर ने चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन को यूक्रेन में संकट को शीघ्र समाप्त करना होगा, नहीं तो अमेरिका पूर्वी यूरोप में अपना प्रभुत्व खो देगा।

यूक्रेन में युद्ध को लेकर रूसी राष्ट्रपति विलादिमीर पुतिन के हालिया बयानों से पता चलता है कि संकट लगातार बढ़ ही रहा है। पार्सटुडे के अनुसार, पुतिन ने पश्चिमी देशों को विशेष रूप से चेतावनी दी है कि यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करने का लाइसेंस जारी करने का मतलब है कि नैटो, रूस के साथ युद्ध में दाख़िल हो गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस तरह की कार्रवाई संघर्षों की प्रवृत्ति को महत्वपूर्ण रूप से बदल सकती है और मॉस्को को उचित निर्णय लेने पर मजबूर कर सकती है।

 

यूरोप को मैदाने जंग बनाना

 

पुतिन की चेतावनियों और यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियारों से लैस करने के पश्चिम के फ़ैसले के बारे में ईरान और यूरेशिया थिंक टैंक (आईआरएएस) के उपप्रमुख और रूसी मुद्दों के वरिष्ठ विशेषज्ञ महमूद शौरी ने ईरानी अख़बार क़ुद्स से बातचीत में कहा है कि इन हथियारों के साथ यूक्रेन की कोई भी सैन्य कार्रवाई, रूस की जवाबी कार्रवाई को एक नए स्तर तक बढ़ा सकती है।

उनका कहना है कि एक भी मिसाइल का फ़ायर होना, रूस को यूक्रेन से आगे क्षेत्रों में नए हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर सकता है। शौरी कहते हैं कि आज कीव की छोटी सी ग़लती नैटो और रूस को बल्कि दूसरे शब्दों में कहें तो 26 यूरोपीय देशों के बीच सीधे संघर्ष का मार्ग प्रशस्त कर सकती है जिससे यूरोपीय धरती युद्ध के मैदान में तब्दील हो जाएगी।

इस मुद्दे पर रूस की संवेदनशीलता पर ज़ोर देते हुए वे कहते हैं:

रूस के राष्ट्रपति विलादिमीर पुतिन ने साफ़ शब्दों में कहा है कि पश्चिम की ओर से इस तरह की कार्रवाई का मतलब रूस के साथ युद्ध में नैटो का सीधा प्रवेश है।  उनका मानना ​​है कि इस चेतावनी का इस्तेमाल, मॉस्को और कीव के बीच संघर्ष के स्तर को बढ़ाने के तरीक़े के रूप में किया जा सकता है।

शौरी ने पश्चिम की लंबी दूरी की मिसाइलों के साथ यूक्रेन के हमले के जवाब में मास्को द्वारा कम दूरी के सामरिक परमाणु हथियारों से जवाबी कार्रवाई की संभावना भी जताई, हालांकि अभी तक इस बारे में सटीकता से बात करना मुमकिन नहीं है।

 

केसेंजर की भविष्यवाणी सच हो रही है

 

अमेरिकी मुद्दों के विशेषज्ञ हनीफ़ गफ़्फ़ारी पुतिन के शब्दों और युद्ध के भविष्य पर उनके विचारों का ज़िक्र करते हुए मानते हैं कि पुतिन ने अपने हालिया भाषण में "लड़ाई की प्रवृत्ति बदलने" जैसे वाक्यांश का इस्तेमाल किया जो पश्चिम द्वारा यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार उपलब्ध कराने के बारे में हस्तक्षेप को ज़ाहिर करता है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई मॉस्को और कीव के बीच युद्ध को रूस और नैटो के बीच युद्ध में बदल सकती है।

गफ़्फ़ारी हालिया वर्षों में यूक्रेन को लंबी दूरी के हथियार भेजने को लेकर नैटो के सदस्यों के बीच विवादों की ओर भी इशारा करते हैं। ग्रीस, स्पेन और हंगरी जैसे कुछ नैटो सदस्यों का मानना ​​है कि यूक्रेन संकट नैटो के नियंत्रण से बाहर हो गया है।

वह इस बात पर जोर देते हैं कि नैटो ने यूक्रेन को नैटो में शामिल होने पर जोर देकर, व्यावहारिक रूप से पूर्वी यूरोप में संकट पैदा कर दिया है और यूरोप पर तीन साल का युद्ध थोप दिया है। हनीफ़ गफ़्फ़ारी के मुताबिक, दिवंगत अमेरिकी रणनीतिकार हेनरी केसेंजर की भविष्यवाणी सच हो रही है।

अपनी मौत से पहले, केसेंजर ने चेतावनी दी थी कि वाशिंगटन को यूक्रेन में संकट को जल्द ही समाप्त करना होगा, नहीं तो अमेरिका पूर्वी यूरोप में अपना प्रभुत्व खो देगा और वाइट हाउस को अप्रत्याशित ख़र्चे का सामना करना पड़ेगा।

 

 नैटो ने ही जंग शुरू की

 

गफ्फारी ने इस सवाल का भी जवाब दिया कि क्रेमलिन के बयान के बाद अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम, कीव को अनुमति देने के अपने फ़ैसले से पीछे क्यों हट गए, हालांकि यूक्रेन में युद्ध स्पष्ट रूप से रूस के हमले के साथ शुरू हुआ, लेकिन रणनीतिक दृष्टिकोण से, उत्तर से पूरब की ओर नैटो के विस्तार और रूस के उकसावे ने इस संघर्ष को जन्म दिया। अमेरिका और इंग्लैंड ने नैटो को पूरब की ओर फैलाने पर जोर देकर मास्को को जवाबी कार्रवाई के लिए मजबूर किया लेकिन आज वाशिंगटन और लंदन, इस संकट को नियंत्रित करने की क्षमता खो चुके हैं और युद्ध के यूरोप तक फैलने की संभावना बहुत बढ़ गई है।

 

यूरोप में युद्ध फैलने का ख़तरा

 

मोल्दोवा, हॉलैंड और पोलैंड सहित यूरोपीय देश, रूस के साथ सीधे टकराव की पोज़ीशन में हैं और इन देशों का इलाक़ा भविष्य में आधिकारिक मैदाने जंग बन सकता है। गफ़्फ़ारी कहते हैं कि यूरोप ने अमेरिकी पाले में आंख मूंदकर खेलकर ख़ुद को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

इन नीतियों को जारी रखकर, यूरोपीय देशों ने युद्ध का ख़र्चा अपने ऊपर थोप लिया है और जब तक वे सुरक्षा क्षेत्र में स्वतंत्र खिलाड़ियों के रूप में काम नहीं करते, वे अंतर्राष्ट्रीय सिस्टम में जिंदा रहने के लिए बुद्धिमानीपूर्ण निर्णय नहीं ले सकते।

 

कीवर्ड्ज़: यूक्रेन में युद्ध, पूर्वी यूरोप में संकट, रूस और नैटो के बीच युद्ध, यूरोप में युद्ध (AK)

 

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