वैश्विक मुद्दों पर जी-7 बयान के 5 बिंदु, ग़ज़ा में हस्तक्षेप से लेकर ईरान के ख़िलाफ़ आरोप तक
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली और कनाडा के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधि की उपस्थिति के साथ चार्लेवोइक्स, क्यूबेक, कनाडा में जी-7 की बैठक आयोजित की गई।
संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम, इटली, कनाडा के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के एक प्रतिनिधि की बैठक 12 से 14 मार्च तक आयोजित की गई और इसके अंत में वैश्विक मुद्दों पर एक बयान जारी किया गया। पार्स टुडे की इस स्टोरी में इस बयान के 5 बिंदुओं पर चर्चा की गई है।
1. यूक्रेन का दिखावटी समर्थन
रूस के साथ युद्ध के लिए कीव के निरंतर उकसावे के बावजूद, जी-7 ने एक बयान में यूक्रेन की दीर्घकालिक समृद्धि और सुरक्षा पर ज़ोर दिया और युद्ध विराम के लिए चल रहे प्रयासों, विशेष रूप से सऊदी अरब में संयुक्त राज्य अमेरिका और यूक्रेन के बीच 11 मार्च की बैठक का स्वागत किया। बयान में कहा गयाः जी-7 सदस्यों ने तत्काल युद्धविराम के प्रति यूक्रेन की प्रतिबद्धता की सराहना की है।
2. रूसी ख़तरा
जी-7 सदस्यों ने बदले में रूस से भी समान शर्तों पर युद्धविराम पर सहमत होने और इसे पूरी तरह लागू करने का आह्वान किया। उन्होंने रूस को धमकी दी कि अगर वह इस तरह के युद्ध विराम पर सहमत नहीं हुआ तो उसे और भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी, जिसमें अधिक प्रतिबंध, तेल की क़ीमतों का निर्धारण, साथ ही यूक्रेन को अधिक समर्थन तथा अन्य उपाय जैसे कि ज़ब्त की गई रूसी संपत्तियों से होने वाले अप्रत्याशित लाभ का उपयोग करना शामिल है।
3. ग़ज़ा में हस्तक्षेप
इस बयान के दूसरे भाग में, पश्चिम एशियाई मुद्दों के संबंध में, जी-7 सदस्यों ने सभी ज़ायोनी क़ैदियों की रिहाई और हमास के पास मौजूद क़ैदियों के शवों को उनके प्रियजनों को लौटाने का आह्वान किया। जी-7 ने दोहराया कि हमास ग़ज़ा के भविष्य में कोई भूमिका नहीं निभा सकता और अब उसे इज़रायल के लिए ख़तरा नहीं बनना चाहिए।
4. एकल चीन का विरोध
इस वक्तव्य में, जी-7 सदस्यों ने ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व पर भी ज़ोर दिया और स्ट्रेट के सभी मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान किया। इसके अलावा बल या धमकी द्वारा यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास के प्रति अपना विरोध दोहराया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में ताइवान की सार्थक भागीदारी का भी समर्थन किया।
5. ईरान पर आरोप
बयान में जी-7 सदस्यों ने दावा कियाः ईरान क्षेत्र में अस्थिरता का मुख्य स्रोत है और इस देश को कभी भी परमाणु हथियार प्राप्त करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि ईरान को अब अपना रास्ता बदलना होगा, तनाव कम करना होगा और कूटनीति का रास्ता अपनाना होगा।
इस दावे के जवाब में ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बक़ाई ने कहाः इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ़ ईरान के संबंध में कनाडा में जी-7 विदेश मंत्रियों की हालिया बैठक के बयान में शामिल दावे पूरी तरह से निराधार और दादागिरी वाले हैं। msm