परमाणु अप्रसार संधि एनपीटी पर हस्ताक्षर करने की कोई योजना नहींः अमरीका
अमरीका ने फिर एेलान किया है कि परमाणु अप्रसार संधि एनपीटी पर हस्ताक्षर करने की उसकी कोई योजना नहीं है।
वाइट हाउस के प्रवक्ता ने घोषणा की है कि एनीपीटी के बारे में अमरीका की नीति में कोई ही परिवर्तन नहीं हुआ है। प्रवक्ता का कहना है कि परमाणु अप्रसार संधि से विश्व में शांति स्थापित नहीं हो सकती और न ही यह, परमाणु शस्त्रों के विनाश का कारण बनेगी। "आईसीएएन" नामक संस्था ने शुक्रवार को पुनः एनपीटी पर हस्ताक्षर कराने का अभियान आरंभ किया है। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत आईसीएएन पर 122 देश हस्ताक्षर कर चुके हैं लेकिन परमाणु शक्ति संपन्न शक्तियों में से किसी ने भी इसपर हस्ताक्षर नहीं किये। इन शक्तियों का कहना है कि वे कभी भी इस समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगी।
रिपोर्टों के अनुसार अमरीका के पास चार हज़ार परमाणु वाॅरहेड हैं। अमरीका दावा करते हैं कि परमाणु वाॅरहेड रखने से उसका उद्देश्य, परमाणु शक्ति संपन्न देशों को नियंत्रित करना है जबकि उसका दावा सहीं नहीं है क्योंकि अमरीका ही विश्व का वह एकमात्र देश है जिसने परमाणु बम का प्रयोग किया है। परमाणु बम का प्रयोग करके अमरीका, बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की जानें ले चुका है। इस समय भी अमरीका अपने परमाणु हथियारों को अपडेड करने में लगा हुआ है। एक अमरीकी डेमोक्रेट सेनेटर का कहना है कि वर्तमान समय में अमरीका के पास जो हथियार हैं वह उसकी रक्षा के लिए आवश्यक हथियारों से कई गुना अधिक हैं।
राजनैतिक टीकाकार कहते हैं कि अमरीका, इस समय अपने हथियारों को अपडेट करने में लगा हुआ है। उदाहरण स्वरूप अमरीका के पास B61 नामक बम है जिसे बहुत बड़ी लागत से अपडेट किया जा रहा है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि हालिया वर्षों में परमाणु शस्त्रों रहित संसार की कल्पना न यह कि पूरी नहीं हुई बल्कि हथियारों की संख्या में वृद्धि दिखाई दे रही है। अब प्रश्न यह उठता है कि अगर यह हथियार अविश्वसनीय लोगों या गुटों के हाथों लग जाएं तो फिर इनसे मानवता को कितनी क्षति पहुंचेगी?