इस्राईल प्रेम में युनेस्को छोड़ने का अमरीका का फ़ैसला
(last modified Fri, 13 Oct 2017 11:26:55 GMT )
Oct १३, २०१७ १६:५६ Asia/Kolkata
  • इस्राईल प्रेम में युनेस्को छोड़ने का अमरीका का फ़ैसला

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने वैज्ञानिक व सांस्कृतिक मामलों की संस्था युनेस्को से बाहर निकलने के अमरीकी सरकार के निर्णय पर गहरा खेद जताया है।

ट्रम्प प्रशासन ने गुरुवार को घोषणा की है कि वह एक पर्यवेक्षक कमेटी स्थापित करेगा जो युनेस्को में अमरीकी प्रतिनिधित्व का स्थान लेगा। यह घोषणा तब की गई जब युनेस्को ने अलख़लील शहर को फ़िलिस्तीनी हेरीटेज मान लिया।

संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव के प्रवक्ता फ़रहान हक़ ने कहा कि महासचिव को युनेस्को से वाशिंग्टन के निकलने पर गहरा दुख है। प्रवक्ता ने कहा कि अनेक अवसरों पर एसा होता है कि कुछ मुद्दों के बारे में मतभेद होता है लेकिन महासचिव हमेशा अमरीकी सरकार के साथ अच्छा सहयोग करते आए हैं।

अमरीकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीथर नाएर्ट ने गुरुवार को कहा कि यह फैसला आसानी से नहीं लिया गया है बल्कि इससे युनेस्को में बढ़ते रुजहानों पर अमरीका की चिंता, संस्था में बुनियादी बदलाव की ज़रूरत तथा इस्राईल विरोध भावना के जारी रहने का पता चलता है।

प्रवक्ता ने कहा कि संस्था से बाहर निकलने का अमरीका का फ़ैसला 31 दिसम्बर 2018 से लागू होगा, उस समय तक अमरीका इस संस्था का सदस्य बना रहेगा।

वर्ष 2011 में भी जब युनेस्को ने फ़िलिस्तीन को संस्था के संपूर्ण सदस्य का दर्जा देने के पक्ष में मतदान किया था तो अमरीकी प्रशासन ने युनेस्को को दिया जाने वाला फ़ंड कम कर दिया था।

रिपोर्टें हैं कि अमरीका जेनेवा स्थित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से बाहर निकलने पर भी विचार कर रहा है। अमरीका इस संस्था पर भी आरोप लगा रहा है कि वह अकारण इस्राईल विरोधी है।

संयुक्त राष्ट्र संघ में अमरीका की राजदूत निकी हैले ने चेतावनी दी कि संयुक्त राष्ट्र की अन्य एजेंसियों पर भी इसी तरह की निगरानी रखी जाएगी और अमरीका इसी कसौटी पर संयुक्त राष्ट्र की सभी एजेंसियों का मूल्यांकन करेगा।

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