नागरिकता संशोधन क़ानून के बारे में करज़ई और हसीना वाजिद के विचार
बांग्लादेश की मुख्यमंत्री और अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने नागरिकता संशोधन क़ानून के बारे में अपने विचार रखे हैं।
शेख हसीना वाजिद का कहना है कि भारत में नागरिकता संशोधन क़ानून लाने की कोई आवश्यकता नहीं थी। उन्होंने कहा कि इससे भारत के मुसलमान हाशिये पर आ जाएंगे। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री ने कहा था कि इस क़ानून की वजह से बांग्ला देश को कोई परेशानी नहीं होगी। शेख हसीना वाजिद ने कहा कि लेकिन उनके कथन के विपरीत अब बांग्लादेश एसे पलायनकर्ताओं की वापसी का साक्षी बन रहा है जिनकी नागरिकता भारत में रद्द कर दी गई है।
इसी बीच अफ़ग़ानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करज़ई ने इस क़ानून में सभी धर्मों के लोगों को शामिल किया जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि यह उचित नहीं है कि इससे मुसलमानों को अलग रखा जाए।
ज्ञात रहे कि इस क़ानून को वापस कराने के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर प्रदर्शनों किये जा रहे है जिसमें हर धर्म और पंथ के लोग भाग ले रहे हैं।