नाइजीरिया में 300 से ज़्यादा जगहों पर आशूरा मनाया गया, पुलिस फ़ोर्स ने किया हमला, यह हुसैन कौन हैं जिनकी दुनिया दीवानी है?
(last modified Sun, 30 Aug 2020 16:40:28 GMT )
Aug ३०, २०२० २२:१० Asia/Kolkata
  • नाइजीरिया में 300 से ज़्यादा जगहों पर आशूरा मनाया गया, पुलिस फ़ोर्स ने किया हमला, यह हुसैन कौन हैं जिनकी दुनिया दीवानी है?

नाइजीरिया में लोगों ने आशूरा को इमाम हुसैन अलैहिस्साल की शोकसभाएं आयोजित की जिस पर पुलिस फ़ोर्स ने हमला किया।

प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, रविवार को आशूरा के दिन नाइजीरिया में 300 से ज़्यादा जगहों पर इमाम हुसैल अलैहिस्सलाम की याद में शोकसभाएं आयोजित हुयीं।

इस घटना पर ब्रिटेन में मानवाधिकार आयोग के प्रमुख मसऊद शजरा ने अपने ट्वीट में नाइजीरिया की सरकार के इस देश के मुसलमानों की पीड़ित करने के रेकॉर्ड और इस्लामी आंदोलन को दबाने की कोशिश का ज़िक्र करते हुए कहा कि अब वक़्त आ गया है कि इंटरनैश्नल संगठन व संस्थाएं नाइजीरिया की मोहम्मदू बुहारी सरकार के ख़िलाफ़ उचित कार्यवाही करें।

ग़ौरतलब है कि पिछले हफ़्ते नाइजीरिया में कदूना राज्य में पुलिस ने इमाम हुसैन अलैहिस्साल के श्रद्धालुओं पर हमला किया जिसमें 3 श्रृद्धालु शहीद और अनेक घायल हुए।

पिछले कुछ बरसों में इमाम हुसैन के श्रृद्धालुओं और इस देश के मुसलमानों पर पुलिस व सुरक्षा बल के हमलों में सैकड़ों लोग शहीद हुए हैं।

पिछले कुछ महीनों के दौरान नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के नेता आयतुल्लाह इब्राहीम ज़कज़की की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ एतेराज़ करने वालों के ख़िलाफ़ इस देश की पुलिस ने हिंसक व्यवहार अपनाया।

शैख़ इब्राहीम ज़कज़की और उनकी बीवी 13 दिसंबर 2015 को कादूना राज्य के ज़ारिया शहर में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम के इमामबाड़े पर, नाइजीरियाई सैनिकों के हमले के बाद गिरफ़्तार हो गए और अब तक क़ैद में हैं। इस हमले में शैख़ ज़कज़की के तीन बेटों सहित सैकड़ों श्रृद्धालु शहीद हुए।

आज ही के दिन 1381 साल पहले सन 61 हिजरी क़मरी को इराक़ के कर्बला नामी मरूस्थल में सत्य और असत्य के बीच निर्णायक लड़ाई हुयी थी जिसमें सत्य के महानायक इमाम हुसैन को उनके वफ़ादार साथियों के साथ असत्य के प्रतीक यज़ीद शासक की फ़ौज ने शहीद कर दिया। इमाम हुसैन अलैहिस्साल शहीद हो गए लेकिन उन्होंने यज़ीद जैसे अत्याचारी शासक का आज्ञापालन करने से इंकार कर दिया। उस समय से आज तक लोग मोहर्रम की 10 तारीख़ को इमाम हुसैन का ग़म मनाते आ रहे हैं। दुनिया असत्य व अत्याचार के ख़िलाफ़ उठने वाले बहुत से आंदोलन कर्बला से प्रेरित हैं।(MAQ/N)

 

 

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